महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद (मुंबई) के कार्यवाह शिवनाथ दराडे ने बताया कि शिक्षक संघ ने चुनाव ड्यूटी पर शिक्षकों को भेजने वाला सर्कुलर तत्काल वापस लेने की मांग की है। इस संबंध में स्थानीय प्रशासन के साथ ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर को पत्र लिखा गया है।
शिक्षक संघ का कहना है कि यह नियमों का उल्लंघन है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्य नहीं सौंपा जा सकता है। लेकिन फिर भी शिक्षकों को विभिन्न गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाया जा रहा है।
इससे पहले मुंबई में मराठा आरक्षण का सर्वेक्षण भी शिक्षकों से कराया गया था। अब परीक्षा अवधि के दौरान शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी पर लगाया जा रहा है। एक सर्कुलर जारी कर आगामी लोकसभा चुनाव से जुड़े कार्य के लिए शिक्षकों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। इससे कई स्कूलों में आज शिक्षकों की भारी कमी हो गई।
बीएमसी ने 10 फरवरी को सर्कुलर जारी कर 1000 से अधिक शिक्षकों को चुनाव कार्य के लिए तुरंत रिपोर्ट करने के लिए कहा था। इसमें छुट्टी होने पर भी उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया। इलेक्शन ड्यूटी के लिए उपस्थित नहीं होने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गयी है। इस पर शिक्षक वर्ग ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।