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mumbai news live : लौटते मानसून से मीरा भायंदर के किसान बेहाल

चावल और सब्जियों की खेती को नुकसान, बारिश से नुकसान उठाने वाले किसान ठाणे कलेक्टर से इस मामले में संज्ञान लेने और उन्हें मुवावजा दिलाने की आश संजोये हैं।  

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मुंबई

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Binod Pandey

Oct 30, 2019

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मीरा भायंदर. लौटते मानसून से मीरा भायंदर के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। किसानों की सब्जी और चावल की तैयार फसल पर बारिश की बूंदों ने कहर बरपाया है। तैयार फसलों को व्यापक क्षति पहुंची है।
भायंदर पश्चिम में अभी कुछ किसान हैं, जो चावल के साथ सब्जियां उगाते हैं। इनकी माने तो वे खेती किसानी तो बस जिद बस करते हैं, ताकि उनके खेतो पर भावनिर्माताओं की नजर ना पड़े।

बारिश से नुकसान उठाने वाले किसान ठाणे कलेक्टर से इस मामले में संज्ञान लेने और उन्हें मुवावजा दिलाने की आश संजोये हैं। स्थानीय किसानों ने अपना दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि आज भी उनका शहर ग्रामीण क्षेत्र में ही आता है, पर यहां के किसानों को मानो जानबूझकर उनके हाल पर छोड़ दिया गया है, ताकि थकहार कर ये भी अपनी जमीन इमारत बनाने के लिए उपलब्ध करा दे और भवननिर्माता तगड़ा मुनाफा कमाए। लौटते मानसून से नुकसान झेल रहे किसानों ने सांसद राजन विचारे और विधायक गीता जैन को ज्ञापन देंगे।


छीन ली खूबसूरती
मीरा भायंदर में जमीनों के बढ़ते दामों ने किसानों को लखपति-करोड़पति तो बना ही दिया, साथ ही इस गांव को शहर में तब्दील कर इसकी खूबसूरती छीन ली है। इस क्षेत्र में खेतों के बड़े-बड़े प्लॉट थे और कई तरह के फसलों की खेती होती थी। किसान साल में कई फसलों को उगाते थे, कुछ साल भर सब्जियों की खेती कर बढिय़ा कमाई करते थे।

चावल और सब्जियां ही मुख्य
भायंदर के उत्तन, मोर्वा, राई, मूर्धा, पाली, डोंगरी, तारोड़ी, काशीमीरा के काशी, काजूपाड़ा और चेना गांव में बड़ी संख्या में किसान चावल की खेती के साथ ही सब्जियों की खेती करते हैं। लौटते मानसून ने इन किसानो की मुसीबते बढ़ा दी है। बारिश की बूंदों से अधपके चावल खेतों में ही रह गए। इससे किसानों को व्यापक आर्थिक क्षति पहुंची है। फसलों का सरकारी पंचनामा नहीं किए जाने से किसानों को मुआवजे मिलने पर संशय के बादल हैं।

अब यहां कंक्रीट के जंगल
मीरा रोड में चावल की खेती हुआ करती थी, जहां अब कंक्रीट के जंगल खड़े हो गए हैं। पुराने वाशिंदे बताते हैं कि धान की खेती की वजह से यहां चारों ओर हरियाली छायी रहती थी, धान जब पकते थे तो इसकी खुशबू चारों ओर फैलती थी। धीरे-धीरे इन खेतों पर बिल्डरों की नजर पड़ी और उन्होंने किसानों को मुंहमांगी कीमत देकर उनकी जमीनों पर गगनचुंबी इमारतों का जाल बिछा दिया।

फसल के पंचनामा के लिए ज्ञापन सौंपा
नासिक. जिले में बारिश से हुए फसलों के नुकसान का पंचनामा कराने की मंाग को लेकर किसानों ने बुधवार को दिंडोरी तहसील पर प्रदर्शन कर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है। नासिक जिले में पिछले 15 दिनों से लगातार बारिश होने के कारण जिले के प्रमुख फसल अंगुर, प्याज, गन्ना, हरी सब्जियां आदि को नुकसान पहुंचा है। ज्ञापन सौंपने वालों में कांग्रेस के सुनील आव्हाड, मनसे के मनोज ढिकले, शिवसेना के प्रभाकर जाधव, भाजपा के नरेंद्र जाधव, राकपा के गंगाधर निखाडे समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थेे।