
बॉम्बे हाईकोर्ट
Bombay High Court on Mumbai Air Quality: मुंबई में हवा की गुणवत्ता (Mumbai AQI) दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया है और केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार और बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से भी सवाल पूछे हैं। मंगलवार को हाईकोर्ट ने कहा कि मुंबई में बढ़ता प्रदूषण बेहद चिंताजनक है।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय की अगुवाई वाली बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ ने मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण पर स्वत: संज्ञान लिया। बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर चिंता जताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ बीएमसी नगर निगम भी इसे लेकर गंभीर है। कोर्ट ने यह भी सवाल पूछा कि इस संबंध में क्या कदम उठाए जा रहे हैं। हाईकोर्ट ने प्रदूषण रोकने के लिए तत्काल कौन से कदम उठाए जाएंगे, इसकी विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी। इस दौरान हाईकोर्ट प्रदूषण रोकने को लेकर अहम निर्देश दे सकता है। यह भी पढ़े-प्रदूषण का सितम! लगातार तीसरे दिन मुंबई की हवा दिल्ली से भी खराब, जानें अपने इलाके का हाल
कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया
बॉम्बे कोर्ट ने कहा कि वह स्वत: संज्ञान लेकर एक जनहित याचिका शुरू करेगा। कोर्ट ने बीएमसी, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से प्रदूषण को कम करने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों को बताने के लिए कहा है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) से पता चलता है कि हर दिन और हर जगह, हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है और मुंबई में एक भी क्षेत्र इससे नहीं बचा है।” कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार, बीएमसी, एमपीसीबी और सीपीसीबी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
एक्शन मोड में बीएमसी
मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बीएमसी भी एक्शन मोड में है। इस दिशा में कई निर्देश भी जारी किए हैं। नगर निगम प्रशासन की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि सभी सरकारी और निजी संस्थान और संगठन इन दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Updated on:
31 Oct 2023 10:35 pm
Published on:
31 Oct 2023 10:34 pm
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