
Mumbai Sharavan : आस्था का अनूठा उदहारण है अंबरनाथ शिव मंदिर
उल्हासनगर. देवों के देव महादेव के भारत भर में कई मंदिर हैं, लेकिन अंबरनाथ शिव मंदिर आस्था का एक अनूठा उदहारण है। उल्हासनगर और अंबरनाथ शहर की सरहद पर बने इस प्राचीन शिव मंदिर है कि यहां भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती के दर्शन करने से वैवाहिक जोड़ों की संतान की कामनप पूर्ति की मान्यता है। श्रद्धालु मंदिर की परिक्रमा कर मन की कामना महादेव के समक्ष रखते हैं।
श्रावण मास में यहां मेले जैसा माहौल होता है। मंदिर को फूलों से सजाया जाता है और हर तरफ भोलेनाथ का जयघोष होता है। शिवरात्रि के दिन 24 घंटे तक लाखों भक्तगण आसपास के उपनगरों और ग्रामीण इलाकों से यहां आकर एक दिन पहले दर्शन के लिए कतार में खड़े रहते हैं। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए एक बड़े प्रांगण से गुजरना पड़ता है। बाहर भगवान गणेश, मां पार्वती और महादेव की प्रतिमाओं की नक्काशी की हुई है।
मंदिर में मिले एक शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण 1060 ईस्वी में राजा शिलाहार ने करवाया था। इस मंदिर को पांडवकालीन मंदिर माना जाता है। यह मंदिर प्राचीन हिन्दू शिल्पकला की नायाब मिसाल है। ग्यारहवीं शताब्दी के मध्य में बने अंबरनाथ शिव मंदिर के बाहर दो नंदी बैल बने हुए है। मंदिर की मुख्य मूर्ति त्रैमस्तिकी है। इसके घुटने पर एक नारी है, जो शिव-पार्वती के स्वरूप को दर्शाती है। वालधुनी और वडवन नदी के तट पर बना शिवमंदिर इमली और आम के पेड़ों से घिरा हुआ है। मंदिर की देखरेख ट्रस्ट करती है जिसके मुख्य सदस्य नगरसेवक विजय चाहू पाटिल, रवि पाटिल, युवराज पाटिल आदि हैं।
Published on:
24 Jul 2019 05:38 pm
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