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Maharashtra Political Crisis: उद्धव ठाकरे के अपने हुए बागी! फिर भी एनसीपी-कांग्रेस ने अंत तक साथ टिके रहने का दोहराया वादा

शिवसेना द्वारा महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन छोड़ने के संकेत दिए जाने के बावजूद एनसीपी और कांग्रेस उद्धव ठाकरे का अंत का साथ देने का वादा दोहरा रही है। यानी एमवीए में अभी भी एकजुटता दिख रही है। एमवीए गठबंधन में शामिल एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और कांग्रेस का कहना है कि वह एमवीए के साथ खड़े है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jun 23, 2022

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महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच शिवसेना टूट की तरफ तेजी से बढ़ रही है। एक ओर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह में विद्रोहियों की संख्या बढ़ रही है, तो दूसरी ओर उद्धव ठाकरे की सरकार की विदाई लगभग तय मानी जा रहा है। हालांकि शिवसेना द्वारा महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन छोड़ने के संकेत दिए जाने के बावजूद एनसीपी और कांग्रेस उद्धव ठाकरे का अंत का साथ देने का वादा दोहरा रही है। यानी एमवीए में अभी भी एकजुटता दिख रही है।

एमवीए गठबंधन में शामिल एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और कांग्रेस का कहना है कि वह एमवीए के साथ खड़े है। वहीं इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत द्वारा संकेत दिए थे कि उनकी पार्टी राज्य-स्तरीय राजनीतिक गठबंधन महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) से बाहर निकलने पर विचार कर सकती है। जिसके बाद आगे की रणनीति तय करने के लिए एनसीपी और कांग्रेस ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी। जिसके बाद दोनों दलों ने एक सुर में उद्धव सरकार का साथ निभाने की बात कही। यह भी पढ़ें-Maharashtra Political Crisis: ‘आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा..' खूब वायरल हो रहा कंगना रनौत का वीडियो, लोग बोले- उद्धव ठाकरे को लग गया श्राप

एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा “हम अंत तक उद्धव ठाकरे जी के साथ खड़े रहेंगे। हम मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर नजर रख रहे हैं। सरकार को बचाना तीनों दलों (एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना) की जिम्मेदारी है। संजय राउत ही जानते हैं कि उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया।”

एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री जयंत पाटिल ने मुख्यमंत्री के पद छोड़ने की संभावना से इनकार किया और आशा व्यक्त की कि राजनीतिक संकट जल्द ही टल जाएगा। उन्होंने कहा “अभी बहुमत साबित करने का सवाल ही नहीं है, एमवीए के पास बहुमत है और वह अभी भी सत्ता में है। बात बस इतनी सी है कि शिवसेना के कुछ विधायक दुखी होकर दूसरे राज्य चले गए हैं लेकिन हमें विश्वास है कि शिवसेना उन्हें वापस लाने में कामयाब होगी।“

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा “बीजेपी महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर और शिवसेना को विभाजित करने की कोशिश कर रही है। हम इस पर काम कर रहे हैं कि इसे कैसे सुलझाया जाए। महा विकास अघाड़ी सरकार जारी रहेगी और 5 साल पूरे करेगी।हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। कांग्रेस एमवीए के साथ खड़ी है।“

वहीँ, कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा “ये सब अफवाह है, कोई समर्थन वापस लेने की बात नहीं है, हम पूरी तरह से उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार के पीछे खड़े हैं। संजय राउत का अपना निजी फैसला है वो जो चाहते हैं करें।“

पार्टी की बैठक के बाद एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा “हम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ खड़े हैं और अंतिम क्षण तक उनका समर्थन करेंगे। हमारे पास सरकार के लिए नंबर हैं क्योंकि शिवसेना के किसी विधायक ने इस्तीफा नहीं दिया है और न ही शिवसेना ने किसी को पार्टी से निष्कासित किया है।“

बुधवार शाम को, ठाकरे ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य को संबोधित किया और दोनों महत्वपूर्ण पदों से हटने की इच्छा व्यक्त की, बशर्ते कि मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में असंतुष्ट समूह उनसे मिलने आए। हालांकि, शिंदे ने तुरंत सीएम के प्रस्ताव को ठुकरा दिया, अपनी पूर्व शर्त को दोहराते हुए कहा कि शिवसेना को पहले एनसीपी और कांग्रेस के साथ एमवीए गठबंधन से बाहर निकलना होगा। जिसके बाद आज सुबह शिवसेना सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने एमवीए के बाहर निकलने के लिए पार्टी की तत्परता के बारे में विद्रोहियों को एक सशर्त पेशकश की, हालांकि इसका भी बागियों पर अब तक कोई असर देखने को नहीं मिला है।