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NCP किसकी? शरद पवार खेमे को चुनाव आयोग का नोटिस, भतीजे अजित के दावे पर मांगा जवाब

EC Notice to Sharad Pawar: अजित पवार की याचिका पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को नोटिस भेजा है। उन्हें अपनी बात रखने का समय भी दिया है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jul 26, 2023

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अजित पवार और शरद पवार

NCP Crisis: महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में फूट के बाद असली एनसीपी कौन है, ये दुविधा खड़ी हो गई है। चूंकि शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार दोनों की अगुवाई वाले खेमे खुद को असली एनसीपी पार्टी बता रहे है। यह मामला अब चुनाव आयोग के समक्ष है। खबर है कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को नोटिस जारी किया है।

एनसीपी के दोनों धड़ों ने कुछ दिन पहले चुनाव आयोग का रुख किया और खुद के असली एनसीपी होने दावे पर मुहर लगवाने के लिए याचिका दायर की। चुनाव आयोग ने अजित दाद की याचिका पर संज्ञान लेते हुए शरद पवार गुट को नोटिस भेजा है। जिसमें अजित गुट द्वारा बीते महीने दायर याचिका पर जवाब मांगा गया है। यह भी पढ़े-NCP में तख्ता-पलट, अजित पवार बने पार्टी के नए अध्यक्ष, चाचा शरद पवार को हटाया


अजित दादा ने दी ये दलील

अजित पवार खेमे ने अपनी याचिका में कहा है कि उनके साथ पार्टी के सबसे अधिक विधायक, पार्टी सदस्य और जिला स्तर पर पदाधिकारी हैं। इसलिए हम विधायक दल और राजनीतिक दल हैं। अजित दादा नीत गुट ने एनसीपी का नाम और ‘घड़ी’ निशान उन्हें सौंपने की मांग की है।

जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग के समक्ष दायर याचिका में अजित पवार गुट ने दावा किया कि 30 जून को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी। बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया कि पार्टी लोगों के कल्याण के अपने उद्देश्यों से भटक रही है और इसलिए उन्होंने शरद पवार को एनसीपी अध्यक्ष के पद से हटाने का फैसला किया। साथ ही अजित पवार को शीर्ष पद के लिए चुना गया है। साथ ही कहा गया था कि प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष बने रहेंगे।


शरद पवार गुट ने भी दी याचिका

एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने पार्टी में विभाजन के तुरंत बाद महाराष्ट्र कैबिनेट में शपथ लेने वाले अजित दादा समेत 9 एनसीपी विधायकों और दो एनसीपी सांसदों के खिलाफ अयोग्यता का नोटिस जारी किया। साथ ही बाद में अजित दादा का समर्थन करने वाले जिले के पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर कर दिया गया। वहीं, शरद पवार खेमे ने चुनाव आयोग में शिवसेना पर दिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए दलील दी कि वह ही असली राजनीतिक पार्टी एनसीपी हैं। यह भी पढ़े-NCP में फूट के बाद पहली बार शरद पवार के घर गए अजित पवार, बोले- पॉलिटिक्स अपनी जगह, काकी से मिलना था

हालांकि, अजित पवार की याचिका पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को नोटिस भेजा है। उन्हें अपनी बात रखने का समय भी दिया है। इसलिए अब शरद पवार गुट आयोग द्वारा दिए गए समय के भीतर अपना पक्ष कैसे रखता है, यह देखना अहम होगा। इसके बाद अजित दादा गुट को भी चुनाव आयोग की ओर से नोटिस भेजा जा सकता है।

बता दें कि अजित पवार एनसीपी के अधिकांश विधायकों के समर्थन का दावा कर 2 जुलाई को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए। उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया और वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। जबकि एनसीपी के बाकि 8 नेता भी एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री है।

मान-मनौव्वल भी जारी!

एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल और हसन मुश्रीफ सहित नौ विधायकों की बगावत के चलते पार्टी दो धड़ों में बंट गई। एनसीपी के अजित गुट के साथ पार्टी के 53 में से 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल हैं। अजित पवार ने 2 जुलाई को उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जबकि एनसीपी के आठ नेताओं ने मंत्री के तौर पर शपथ ली थी। अजित पवार को वित्त विभाग का प्रभार मिला है। इसके अलावा उनके खेमें को सहकारिता और कृषि जैसे अहम विभाग सौंपे गए।

एनसीपी के दोनों खेमों यानी चाचा-भतीजे के बीच पार्टी की कमान पाने की जंग भी चल रही है, साथ ही मान-मनौव्वल की कोशिशें भी जारी हैं। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने हाल ही कहा था कि बगावत करने वाले पार्टी नेताओं के लिए वापस लौटने के दरवाजे खुले हुए है। जबकि खुद अजित पवार बगावत के बाद कम से कम तीन बार चाचा शरद पवार से मिल चुके है। उनके गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल का कहना है कि एनसीपी को एकजुट रखने का अनुरोध शरद पवार से किया गया है, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।