
Sharad Pawar Vs Ajit Pawar : महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और अजित पवार नीत एनसीपी के गठबंधन ‘महायुति’ को बड़ा झटका लगा है। राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 9 सीटें जीती हैं और 7 सीटें शिंदे की शिवसेना के खाते में गई हैं। वहीं अजित दादा की एनसीपी का सिर्फ एक सांसद चुना गया है। विपक्षी खेमे में कांग्रेस को 13, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) को 9, एनसीपी शरद पवार गुट को 8 सीटों पर सफलता मिली है।
एनसीपी के संस्थापक शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने महाराष्ट्र में 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था, इनमें से 8 सीटों पर जीत हासिल की। जबकि अजित पवार गुट ने चार सीटों पर प्रत्याशी उतारे, इनमें से एकमात्र रायगढ़ सीट पर विजय मिली। खुद अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार प्रतिष्ठा की लड़ाई माने जाने वाले बारामती निर्वाचन क्षेत्र में अपनी भाभी सुप्रिया सुले से हार गईं।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के खराब प्रदर्शन की पूरी जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा कि बारामती में हार से वह हैरान है।
लोकसभा नतीजो पर समीक्षा के लिए अजित पवार ने गुरुवार को अपनी पार्टी के विधायकों की अहम बैठक बुलाई थी। खबर है कि इस बैठक में 5 विधायक नहीं आये। हालांकि इन पांचों विधायकों ने पार्टी के वरिष्ठों को अपने अनुपस्थित रहने के कारण बताए थे। लेकिन राजनीतिक गलियारों में विधायकों की गैरमौजूदगी को लेकर कई कयास लगाये जा रहे है।
विधायकों की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा कि सभी विधायक उनके साथ मजबूती से खड़े हैं। अजित दादा ने उन अटकलों को भी खारिज कर दिया कि उनके कुछ विधायक शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट में शामिल होने की योजना बना रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष कुछ भी कह सकता है। मेरे साथ लोगों का समर्थन हमेशा रहा है। मेरे विधायकों, पार्षदों ने मुझे आश्वासन दिया है कि वे हमेशा मेरे साथ खड़े रहेंगे।’’
पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने चाचा शरद पवार के साथ एक बार फिर हाथ मिलाएंगे, इस पर उन्होंने कहा, पारिवारिक मामलों पर सार्वजनिक रूप से बात करने की जरूरत नहीं है।
शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि अजित पवार गुट के 18 से 19 विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं। शरद पवार के पोते रोहित ने कहा, उनके करीब 18 से 19 विधायक हमारे वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं। इसके अलावा करीब 12 विधायक बीजेपी के भी संपर्क में हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के छह महीने बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे। फिलहाल राज्य की जनता विपक्षी खेमे के पक्ष में ज्यादा नजर आ रही है। इसलिए सत्तारूढ़ खेमे में बेचैनी का माहौल है।
Published on:
07 Jun 2024 02:30 pm
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