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मुंबई-नागपुर महामार्ग के विकास से जुड़ी बाधाएं दूर,जनवरी में पीएम मोदी के हाथों हो सकता है भूमि पूजन

मिली जानकारी के अनुसार जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मुंबई-नागपुर महामार्ग परियोजना का भूमिपूजन किया जा सकता है...

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रोहित के.तिवारी की रिपोर्ट...

(मुंबई): महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी मुंबई-नागपुर महामार्ग परियोजना से जुड़ी दिक्कतें दूर हो गई हैं। न सिर्फ जमीन अधिग्रहण से जुड़ी समस्या का समाधान कर लिया गया है बल्कि आधी परियोजना लागत का इंतजाम भी कर लिया गया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से सालाना 9.5 प्रतिशत ब्याज पर 25,500 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता परियोजना को मिलेगी। वैसे धन के इंतजाम के लिए सरकार को अपनी हजार हेक्टेयर जमीन गिरवी रखनी पड़ी है। परियोजना के लिए बाकी रकम सरकार सस्ते कर्ज से जुटाएगी जिसके लिए विदेशी एजेंसियों से बातचीत चल रही है।

मिली जानकारी के अनुसार जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मुंबई-नागपुर महामार्ग परियोजना का भूमिपूजन किया जा सकता है। इसके बाद राज्य सड़क विकास महामंडल सड़क निर्माण का काम शुरू करेगा। इस परियोजना का लागत 55 हजार करोड़ रुपए आंकी गई है। इसके लिए 87 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है। साथ ही बाकी जगह के मालिक भी सड़क निर्माम के लिए जगह देने को तैयार हैं। वैसे पहले परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण में दिक्कत आ रही थी।

सस्ते कर्ज के लिए बातचीत

सरकार के साथ ही सड़क विकास महामंडल मान रहा है कि घरेलू बैंकों का कर्ज महंगा है। सस्ते के लिए खाड़ी देशों के साथ ही एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से बातचीत चल रही है। एडीबी की ओर से भरोसा मिला है कि मुंबई-नागपुर महामार्ग के लिए रियायती दर पर कर्ज मिल सकता है। यह परियोजना ढाई साल में पूरी होगी।

टोल निधि से भरा जाएगा कर्ज

हालांकि राज्य की महत्वाकांक्षी परियोजना को पूरा होने का समय ढाई साल बताया गया है, लेकिन बैंकों ने साढ़े तीन साल का अनुमान लगाकर ब्याज दर आरक्षित की है। महामार्ग का काम टप्पे टप्पे पर होने से पहले टोल शुरू किए जाने का फैसला लिया गया है। वहीं सड़क विकास महामंडल ने बताया कि इस प्रकल्प को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए एक रणनीति के तहत टोल से आई निधि का उपयोग कर्ज हफ्ता भरने और बैंकों की कर्ज रकम भरने पर किया जाएगा। धन के इंतजाम में कोई दिक्कत नहीं।


महामार्ग योजना को 16 विभागों में बांटा गया है, जिसमें 14 विभाग सिर्फ टेंडर प्रक्रिया पर ही नजर रखेंगे। इसके भूमिपूजन का महीना भी जनवरी तय किया गया है। इस संबंध में सार्वजनिक बांधकाम मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि महामार्ग के लिए निधि जुटाने में कोई परेशानी नहीं आएगी।

एक नजर में प्रोजेक्ट

समृद्धि महामार्ग की लंबाई 600 किलोमीटर
परियोजना खर्च करीबन 55000 करोड़ रुपए
जमीन 9900 हेक्टेयर तक लगेगी
उपलब्ध हुई जमीन 87% है, जबकि 13% जमीन देने के लिए मालिक तैयार हो गए हैं।