
CBI घूसकांड में आया केंद्रीय मंत्री हरिभाई का नाम, याचिका में लगा करोड़ों रुपए लेने का आरोप
नई दिल्ली। सीबीआई में रिश्वखोरी कांड में पहली बार मोदी सरकार के किसी मंत्री का नाम आने से हडकंप मच गया है। पीएम मोदी के बेहद करीबी और गुजरात में करीब 20 साल साथ काम करने वाले सांसद और कोयला-खनन केंद्रीय राज्य मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी का। सीबीआई ने डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में बिचौलियों के हवाले से कहा है कि सना ने चौधरी को कुछ करोड़ रुपए दिए थे।
केंद्रीय मंत्री को दिए करोड़ों रुपए: सना
सीबीआई में एंटी करप्शन टीम के डीआईजी पद पर तैनात सिन्हा ने याचिका में कहा है कि शिकायतकर्ता सना सतीश बाबू पूछताछ में दावा किया कि जून 2018 के पहले पखवाड़े में हरिभाई चौधरी को कुछ करोड़ रुपए मामले में मदद देने के लिए दिए गए थे। हरिभाई को ये रकम विपुल के जरिए अहमदाबाद में दी गई थी। हरिभाई ने कार्मिक मंत्रालय के जरिए सीबीआई जांच में दखल भी दिया था। ये जानकारी सीबीआई निदेशक और अतिरिक्त निदेशक को दी गई। सीबीआई डायरेक्टर कार्मिक मंत्रालय को ही रिपोर्ट करते हैं।
दो बिचौलियों की है डोभाल की रिश्ते: याचिका
सिन्हा की याचिका में ही दावा किया गया है कि राकेश अस्थाना पर लगे घूस के आरोपों की जांच के दौरान एनएसए अजीत डोभाल ने दो बार छापेमारी को रोकने की कोशिश की है। इतना ही नहीं डोभाल का केस के दो बिचौलियों के साथ करीबी रिश्तों का भी दावा किया गया है।
तबादले के खिलाफ कोर्ट पहुंचे हैं सिन्हा
बता दें कि राकेश अस्थाना केस की जांच कर रहेआईपीएस अफसर मनीष कुमार सिन्हा नागपुर में हुए अपने तबादले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंचे हैं। उनका आरोप है कि ये तबादला इसलिए किया गया, क्योंकि उनके द्वारा की जा रही जांच में कुछ ताकतवर लोगों के खिलाफ सबूत सामने आए थे। तबादला होने से वह अस्थाना के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच से भी बाहर हो गए हैं।
Published on:
19 Nov 2018 09:09 pm
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