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Maha Covid: H L Hiranandani अस्पताल में कोविद-19 के लिए ओवर चार्ज, बीएमसी लेगी एक्शन…

किडनी ट्रांसप्लांट ( Kidney Transplant ) को डायलिसिस ( Dialysis ) से पहले बताया गया था कोरोना वायरस (Corona Virus ) परीक्षण (Test ), एक अन्य मरीज ( Patient ) उनके नियमित डायलिसिस केंद्र टेस्ट पॉजिटिव ( Positive ) आया और सुविधा क्वारेंटाइन ( Quarentine ) में चली गई

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Maha Covid: एल.एच. हीरानंदानी अस्पताल में कोविद-19 के लिए ओवर चार्ज, बीएमसी लेगी एक्शन...

Maha Covid: एल.एच. हीरानंदानी अस्पताल में कोविद-19 के लिए ओवर चार्ज, बीएमसी लेगी एक्शन...

मुंबई. 2010 में किडनी ट्रांसप्लांट करा चुके 31 वर्षीय स्वप्निल काटे और वे पिछले दो वर्षों से डायलिसिस पर हैं। वहीं उन्होंने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के पवई स्थित नामचीन एल.एच. हीरानंदानी अस्पताल पर शुक्रवार को आरोप लगाया कि उसकी ओर से कोविद-19 परीक्षण के लिए ओवरचार्ज किया गया था। दरअसल, काटे को डायलिसिस कराने से पहले कोरोना वायरस चेक अप कराने को बोला गया, जब एक अन्य मरीज उनके नियमित डायलिसिस केंद्र टेस्ट पॉजिटिव आया और सुविधा क्वारेंटाइन में चली गई।

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कोरोना टेस्ट के लिए ज्यादा फीस...
बकौल स्वप्निल, 'हमें बताया गया था कि अगर हम पवई के हीरानंदानी अस्पताल में करवाते हैं तो हमें 48 घंटों में कोविद-19 की रिपोर्ट मिल जाएगी। हालांकि हमें फ्री चेक-अप की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और हमसे न सिर्फ भुगतान की कराया गया, बल्कि टेस्ट की लागत से 2,000 रुपये अधिक 4,500 रुपयेनक भुगतान करना पड़ा। इसमें डॉक्टर के परामर्श शुल्क 1,000 रुपये शामिल थे, जबकि हमारे पास नेफ्रोलॉजिस्ट से परीक्षण के लिए पहले से ही पर्चे थे।' उस समय हीरानंदानी अस्पताल में परिसर में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, फिर भी हमसे इसके लिए फीस ली गई। आखिर में काटे ने अंधेरी स्थित एक निजी परीक्षण केंद्र पर कोरोना वायरस का फ्री में टेस्ट करवाया।

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कोविद-19 टेस्ट के लिए 4500 रुपये...
बकौल नेशनल हेल्थ अथॉरिटी, कोविद-19 के लिए परीक्षण और उपचार निजी लैब समेत अनुभवी अस्पतालों में आयुष्मान भारत लाभार्थियों के तहत नि: शुल्क किया जाना है। वहीं 9 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर कहा है कि सरकार को निजी लैब्स समेत निजी अस्पतालों की ओर से महामारी वायरस का फ्री में टेस्ट कराना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। द्वारा COVID-19 परीक्षण करने के लिए कहा। इसके बावजूद जहां सरकारी सुविधाएं फ्री हैं, ऐसे में निजी प्रयोगशाला की ओर से शुल्क 4,500 रुपये तक वसूले जा रहे हैं।

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निजी लैब्स को सूची में नहीं है अस्पताल...
ऑल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क की सह-संयोजक मालिनी ऐसोला ने ट्वीट किया कि 'सुप्रीम कोर्ट ने सभी परीक्षण निःशुल्क किए, ताकि किसी को भी इस परीक्षण की आवश्यकता हो तो वह करा सके।' हीरानंदानी अस्पताल पवई अनुमोदित निजी चिकित्सा प्रयोगशालाओं की सूची में नहीं है, लेकिन इस केंद्र पर नमूने एकत्र किए जाते हैं और अधिकृत प्रयोगशाला में भेजे जाते हैं, जो कि पवई में है। इसके विपरीत सरकार को अदालतों के निर्देशों के अनुसार इस मामले पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि नि:शुल्क जांच का शक्ति से पालन हो।

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संबंधित अस्पताल पर होगी कार्रवाई...
बृहन्मुंबई महानगर पालिका के सीपीआरओ विजय खबाले पाटिल का कहना है कि सरकार की ओर से निर्धारित 4500 से ज्यादा अगर कोई भी अस्पताल कोविद—19 की जांच के लिए फीस लेता है तो संबंधित अस्पताल पर कार्रवाई की जाएगी। इसके विपरीत हीरानंदानी अस्पताल के पीआरओ प्रवीण का कहना है कि हम पीपीई के लिए 4,500 रुपये और 700 रुपये कंसल्टेंट फीस लेते हैं। इस आधार पर हमने सिर्फ 52 सौ रुपए चार्ज किए हैं, जबकि हमारे यहां ब्लड कलेक्ट करके जांच के लिए दूसरी जगह भेजा जाता है।

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