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Video: PM मोदी ने उद्घाटन के बाद ‘अटल सेतु’ पर की चहलकदमी, कहा- विकास के लिए हम लहरों को चीर सकते हैं

Atal Setu: अटल सेतु इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना है। इसका 16.5 किमी हिस्सा समुद्र में और 5.5 किमी जमीन पर है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jan 12, 2024

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पीएम मोदी ने ‘अटल सेतु’ का दौरा किया

Mumbai MTHL Bridge: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बहुप्रतीक्षित मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (एमटीएचएल) ब्रिज का शुभारंभ किया। इसका अधिकारिक नाम 'अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु' है। पीएम मोदी ने अटल सेतु का दौरा भी किया। 18 हजार करोड़ रुपये की लागत से बना छह लेन वाला यह ब्रिज 21.8 किमी लंबा है। यह इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना है। इसका 16.5 किमी हिस्सा समुद्र में और 5.5 किमी जमीन पर है।

यह भारत का सबसे लंबा पुल है, जो देश का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है। यह मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। अटल सेतु से मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा में लगने वाले समय काफी कम होगा। इससे मुंबई पोर्ट और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट के बीच कनेक्टिविटी भी बेहतर हुई है। यह भी पढ़े-नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शुभारंभ इसी साल, केंद्रीय मंत्री ने बताया कब उतरेगी पहली फ्लाइट


क्या 'सी ब्रिज' की खासियत?

देश का सबसे बड़े 'सी ब्रिज' शहर के प्रमुख एक्सप्रेसवे और अन्य सड़कों को जोड़ता है। एमटीएचएल पर कारों को 250 रुपये का टोल देना होगा। जबकि बसों और ट्रकों (2 एक्सेल) को 830 रुपये का टोल चुकाना होगा।

अटल सेतु को बनाने में लगभग 1.2 लाख टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है, जिससे चार हावड़ा पुल बनाये जा सकते है। एमटीएचएल पर भूकंप, चक्रवात, आंधी-तूफान का कोई आसार नहीं होगा। इसका जीवनकाल 100 साल का है। 24 दिसंबर 2016 को पीएम मोदी ने ही अटल सेतु का शिलान्यास किया था।

अटल सेतु से प्रतिदिन 70 हजार से ज्यादा वाहन गुजर सकते है। इसे 100 किमी/घंटा की रफ्तार से वाहनों को चलाने के लिहाज से डिज़ाइन किया गया है। इस विशाल परियोजना का निर्माण 8,30,000 क्यूबिक मीटर कंक्रीट का उपयोग करके किया गया है, जिससे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का छह बार निर्माण करवाया जा सकता है। इतने स्टील में 17 एफिल टॉवर बनाये जा सकते है।


विकास के लिए हम समुद्र से भी टकरा सकते हैं- PM

पीएम मोदी ने कहा, “आज का दिन मुंबई और महाराष्ट्र के साथ ही विकसित भारत के संकल्प के लिए बहुत ही ऐतिहासिक है। आज विकास का यह उत्सव भले ही मुंबई में हो रहा है, लेकिन इस पर पूरे देश की नजर है और दुनिया के सबसे बड़े 'सी ब्रिज' में से एक ये विशाल अटल सेतु देश को मिल रहा है। ये हमारे उस संकल्प का भी प्रमाण है कि भारत के विकास के लिए हम समंदर से भी टकरा सकते हैं, लहरों को भी चीर सकते हैं। ये कार्यक्रम संकल्प से भी सिद्धि का भी प्रमाण है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “ये मोदी की गारंटी थी और आज मैं फिर छत्रपित शिवाजी को नमन करते हुए, सिद्धि विनायक जी को प्रणाम करते हुए यह अटल सेतु मुंबई और देश के लोगों को समर्पित कर रहा हूं। हमारे लिए हर प्रोजेक्ट भारत के नवनिर्माण का माध्यम है।“

अटल सेतु विकसित भारत की तस्वीर

इस सेतु के निर्माण से अब मुंबई और रायगढ़ की दूरी और सिमट गई है। जिस यात्रा में पहले कई घंटे लगते थे, अब वही यात्रा कुछ मिनटों में ही हो जाया करेगी। अटल सेतु, विकसित भारत की तस्वीर है। विकसित भारत कैसा होने वाला है, उसकी एक झलक है। विकसित भारत में सबके लिए सुविधा होगी, सबकी समृद्धि होगी, गति होगी, प्रगति होगी। विकसित भारत में दूरियां सिमटेंगी, देश का कोना-कोना जुड़ेगा। जीवन हो या आजीविका, सब कुछ निरंतर, बिना रुकावट के चलेगा। यही तो अटल सेतु का संदेश है।