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Pune Bridge Collapse: इस ‘चूक’ की वजह से भरभराकर ढह गया इंद्रायणी नदी का पुल, प्रशासन ने दी थी चेतावनी

Pune Bridge Collapse Update : पुणे में इंद्रायणी नदी पर बना करीब तीन दशक पुराना पुल रविवार को अचानक ढह गया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई और 32 लोग घायल हो गए। कई लोग लापता हैं।

मुंबई

Dinesh Dubey

Jun 15, 2025

Pune Bridge Collapse
इंद्रायणी नदी में बहे लोगों की तलाश युद्धस्तर पर जारी (Photo- IANS)

Indrayani River Bridge Collapse : महाराष्ट्र के पुणे जिले के मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर बना करीब तीन दशक पुराना लोहे का एक पुल रविवार दोपहर अचानक ढह गया। इस हादसे में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है और 32 अन्य घायल हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि हादसे में घायल छह लोगों की हालत गंभीर है और कुछ लोग नदी के तेज बहाव में भी बह गये है। घटनास्थल पर सीआरपीएफ (CRPF) और एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें तैनात है और बचाव अभियान युद्धस्तर पर चल रहा है। इस बीच, राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। जबकि घायलों के इलाज का खर्च भी वहन करेगी।

PM मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने फडणवीस से की बात

विदेश दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है. साइप्रस में मौजूद पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री फडणवीस से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने पुल ढहने की घटना के बारे में जानकारी ली और घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को राहत अभियान में सभी आवश्यक सहायता देने का आश्वासन दिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी हादसे पर दुख जताया और सीएम फडणवीस से बात कर जमीनी हालात के बारे में जानकारी ली।

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महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन इंद्रायणी नदी पर पुल ढहने के बाद घटनास्थल पर पहुंचे। हादसे की वजह के बारे में बताते हुए महाजन ने कहा, "बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। मलबे के नीचे शव होने की संभावना है...NDRF और SDRF सभी मलबा हटाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं...यह पुल किसानों की आवाजाही के लिए था लेकिन 250-300 पर्यटक इस पर खड़े थे और अत्यधिक भार के कारण पुल ढह गया..."

बीजेपी नेता व मंत्री गिरीश महाजन ने आगे कहा, यह एक संकरा पगडंडी जैसा पुल था, जिसे आसपास के किसान एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए इस्तेमाल करते थे। यह पुल भारी वजन सहने की क्षमता नहीं रखता था। लेकिन रविवार को बड़ी संख्या में पर्यटक इस पुल पर एक ही स्थान पर जमा हो गए। पुल इतनी भीड़ का भार सह नहीं पाया और झुकते हुए पानी में समा गया। पिछले कुछ दिनों से इलाके में लगातार बारिश हो रही है, जिससे नदी में तेज बहाव था। प्रशासन की ओर से यहां पर्यटकों के प्रवेश पर पहले ही रोक लगाई गई थी। पुल के दोनों छोर पर चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए थे और पुलिस ने अखबार में भी स्पष्ट चेतावनी प्रकाशित की थी। स्थानीय लोगों ने भी पर्यटकों को यहां न आने की अपील की थी। इसके बावजूद, बड़ी संख्या में पर्यटक चेतावनियों को नजरअंदाज कर पहुंचे। पुल की क्षमता से कहीं अधिक करीब 200 से 250 लोग एक ही जगह पर खड़े हो गए, जिससे यह भीषण हादसा हुआ।

CRPF की कंपनी तैनात

घटनास्थल पर मौजूद सीआरपीएफ के डीआईजी वैभव निंबालकर ने कहा, "घटना की जानकारी मिलने के बाद हमने बिना किसी आदेश का इंतजार किए तालेगांव की सीआरपीएफ की टीमें भेजीं। हमारी एक कंपनी यहां तैनात है और एनडीआरएफ की दो टीमें यहां है। हमारा काम मुख्य रूप से प्रशासन की मदद करना है और भीड़ को संभालने समेत हर तरह की मदद करना है... एनडीआरएफ की 2 टीमें बचाव अभियान पर काम कर रही हैं।"

तालेगांव दाभाडे पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना कुंदमाला इलाके (Kundmala Bridge News) में हुई, जहां पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण नदी का बहाव तेज था। लेकिन जब पुल ढहा, तब बारिश नहीं हो रही थी। रविवार होने के कारण घटनास्थल पर काफी भीड़ थी। प्रशासन की चेतावनी के बावजूद इस इलाके में पिकनिक मनाने वालों की काफी भीड़ रहती है।