Maharashtra Rains: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र (Marathwada Rain) में बीते 40 दिनों से लगातार हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। पानी की भयंकर कमी से जूझ रहे इस क्षेत्र में अचानक तेज बारिश और तूफानी हवाओं ने खेतों में खड़ी फसलें तबाह कर दी हैं। बीड, नांदेड और लातूर जिले इस प्राकृतिक आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, इस अवधि में करीब 17,644 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गई हैं। इनमें से 10,227 हेक्टेयर क्षेत्र में बागायती, 565 हेक्टेयर में जिरायती और 6,851 हेक्टेयर में फलों की फसलें नष्ट हुई हैं।
मई और जून के बीच इस आसमानी आफत ने कई किसानों की सारी मेहनत मिट्टी में मिला दी है। विशेष रूप से मई महीने में ही 12,712 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का भारी नुकसान हुआ, जिसमें 1,975 हेक्टेयर फलों की फसलें थीं। जून की शुरुआत में हिंगोली और नांदेड जिलों में भी काफी नुकसान देखने को मिला, जहां हजारों हेक्टेयर भूमि पर फसलें खराब हो गईं।
अकेले फसलों तक ही यह आपदा सीमित नहीं रही। इसी अवधि के दौरान बिजली गिरने, दीवार ढहने जैसी घटनाओं में 38 लोगों की जान जा चुकी है और 51 लोग घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा मौतें जालना, नांदेड और लातूर जिलों में हुई हैं।
छत्रपति संभाजीनगर जिले में पांच लोगों की मौत हो गई। जालना में सात, परभणी और हिंगोली में दो-दो, बीड में पांच, लातूर में छह, धाराशिव और नांदेड जिले में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि संभाग में कुल 51 लोग घायल हुए हैं। वहीं, पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है। कुल 613 मवेशी मारे गए, जिनमें छोटे-बड़े दुधारू पशु भी शामिल हैं।
मराठवाड़ा के किसान अब सरकार से तुरंत मदद की उम्मीद कर रहे हैं। फसल बर्बादी और जान-माल के नुकसान को देखते हुए वे मांग कर रहे हैं कि प्रशासन तुरंत पंचनामा कर राहत राशि जारी करे।
Updated on:
14 Jun 2025 12:16 am
Published on:
14 Jun 2025 12:13 am