ख़बरों की मानें तो वाराणसी में हिंदू संगठनों के निशाने पर 28 और मंदिर हैं। आईये जानते है कि साईं बाबा की मूर्तियां क्यों हटाई जा रही हैं और क्या है इस पर शुरू हुआ विवाद।
क्यों हटाई जा रही हैं साईबाबा की मूर्तियां?
हिंदू संगठनों का आरोप है कि साईंबाबा मुस्लिम समुदाय से हैं। साईं बाबा का सनातन धर्म से कोई संबंध नहीं है. हिंदू संगठनों का कहना है कि हम साईंबाबा की पूजा के खिलाफ नहीं है, लेकिन मंदिर में उनकी मूर्ति स्थापित नहीं होने देंगे। इसलिए मंदिर प्रबंधन की अनुमति से ही मूर्ति हटाई जा रही है। यह अभियान सनातन रक्षा दल के अजय शर्मा के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। साईंबाबा की प्रतिमा लगाने का विरोधी करने वाले उनका असली नाम चांद मिया होने का दावा कर रहे है। उन्होंने यह भी कहा है कि वह पहले मुस्लिम थे। किसी भी मंदिर में मृत इंसान की मूर्ति की पूजा नहीं की जा सकती।
मंदिरों में केवल पांच देवताओं सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति और गणपति की मूर्तियां स्थापित की जा सकती हैं। संगठन की तरफ से कहा जा रहा है कि चूंकि साईबाबा मुस्लिम थे, इसलिए उनका सनातन धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।
गौरतलब हो कि यह पहली बार नहीं है जब साईंबाबा की मूर्ति को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। साईंबाबा की मूर्ति को लेकर पहले भी कई बार विवाद हो चुका है। यहां तक की कुछ धर्मगुरुओं ने भी साईंबाबा की पूजा का विरोध किया है।