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बलात्कार के मामले में वैज्ञानिक बाइज्जत बरी, कोर्ट ने कहा- महिला ने सब जानते हुए बनाए थे शारीरिक संबंध

Mumbai News : गुजरात के रहने वाले और यूरोप में कार्यरत वैज्ञानिक पर ठाणे की एक 27 वर्षीय महिला ने शादी का झांसा देकर बलात्कार करने का आरोप लगाया था।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

May 22, 2025

Bundi Crime News

प्रतीकात्मक तस्वीर

Scientist Acquitted in Rape Case : मुंबई की एक अदालत ने एक एनआरआई वैज्ञानिक को शादी का झांसा देकर बलात्कार करने के आरोप से बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि जब कोई महिला संभावित परिणामों को समझते हुए खुद शारीरिक संबंध बनाने के लिए राजी होती है, तो इसे 'तथ्यों की गलत धारणा' के तहत दी गई सहमति नहीं माना जा सकता।

यह महत्वपूर्ण फैसला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश किशोर मोरे ने सुनाया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि आरोपी ने जानबूझकर झूठा वादा किया होता और उसके ठोस सबूत होते, तो मामला अलग ढंग से देखा जाता।

क्या है पूरा मामला?

गुजरात के रहने वाले और वर्तमान में यूरोप में कार्यरत एक एनआरआई वैज्ञानिक पर ठाणे की 27 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया था कि उसने शादी का झांसा देकर उसके साथ बलात्कार किया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, महिला अपने पहले पति से अलग हो चुकी है और उसे सितंबर 2019 में एक विवाह वेबसाइट पर आरोपी का प्रोफाइल मिला था। दोनों ने एक-दूसरे की प्रोफाइल पसंद की और फिर बातचीत और संदेशों का सिलसिला शुरू हुआ।

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दोनों 31 दिसंबर 2019 को नए साल का जश्न मनाने के लिए मुंबई के अंधेरी इलाके में एक पांच सितारा होटल में मिले। प्राथमिकी के अनुसार, महिला का आरोप था कि आरोपी ने उसे नशीला पदार्थ पिलाया और फिर उसके साथ बलात्कार किया। हालांकि कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और सभी परिस्थितियों का अवलोकन करने के बाद कहा कि यह स्पष्ट रूप से साबित होता है कि उस रात दोनों के बीच संबंध आपसी सहमति से बने थे।

न्यायाधीश किशोर मोरे ने कहा, "जब कोई महिला इस तरह के कार्य के परिणाम को पूरी तरह से समझने के बाद शारीरिक संबंध बनाने का तर्कसंगत विकल्प चुनती है, तो 'सहमति' को तथ्य की गलत धारणा पर आधारित नहीं कहा जा सकता है।”