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गद्दारी की दर्दनाक कहानी: भरोसा जीत कर चार मकानों में हिस्सेदार बन गया नौकर, एक करोड़ का माल भी चुराया और फिर मालिक को वृद्धाश्रम छोड़ आया

Mumbai Crime News: मुंबई में नौकरानी ने 82 वर्षीय रिटायर्ड प्रोफेसर का विश्वास जीतकर उनसे 1.12 करोड़ की ठगी की, संपत्ति हड़पी और उन्हें वृद्धाश्रम में छोड़ दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jun 11, 2025

Mumbai senior citizen crime

मुंबई से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक नौकरानी ने 82 वर्षीय आईआईटी बॉम्बे के रिटायर्ड प्रोफेसर के साथ करोड़ों की ठगी कर डाली। बुजुर्ग प्रोफेसर का विश्वास जीतकर नौकरानी ने उनसे नकदी, गहने और चार फ्लैट्स में से एक-तिहाई हिस्सेदारी हड़प ली और फिर उन्हें विक्रोली के वृद्धाश्रम में छोड़ आई।

जानकारी के मुताबिक, आरोपी घरेलू सहायिका का नाम निकिता विजय नाइक (Nikita Vijay Naik) के तौर पर हुई है। निकिता की करतूतों का पर्दाफाश तब हुआ जब पुणे में रहने वाले बुजुर्ग के बेटे को हाउसिंग सोसाइटी की ओर से फ्लैट के नाम ट्रांसफर को लेकर जानकारी दी गई। शक होने पर बेटे ने मुंबई आकर पिता की हालत देखी तो उसके होश उड़ गए, इसके बाद उसने पवई पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस के अनुसार, रिटायर्ड प्रोफेसर मनमोहन 2009 से मुंबई के पवई हीरानंदानी गार्डन में अकेले रह रहे थे, जबकि उनकी पत्नी और डॉक्टर बेटा पुणे के पिंपरी-चिंचवड में शिफ्ट हो चुके थे। मनमोहन के पास चार फ्लैट्स से किराए की आय होती थी, जिससे वे अपना गुजारा करते थे।

नौकरानी ने कैसे रचा ठगी का जाल?

2017 में निकिता नाइक की मनमोहन से मुलाकात पवई के गार्डन में हुई, जहां वह टहलने जाते थे। धीरे-धीरे निकिता ने उनका विश्वास जीत लिया और उनके घर में काम करने लगी। समय के साथ वह उनकी देखभाल करने वाली बन गई और घर, संपत्ति, बैंक डिटेल्स, पासवर्ड जैसी सभी संवेदनशील जानकारियां हासिल कर लीं।

एफआईआर के अनुसार, बुजुर्ग प्रोफेसर ने बताया कि जैसे-जैसे उनकी नजर कमजोर होती गई, निकिता ने उनका फायदा उठाना शुरू किया. परिवार और रिश्तेदार होने के बावजूद निकिता ने उन्हें इसी साल फरवरी में विक्रोली के एक वृद्धाश्रम में भेज दिया।

6 करोड़ की संपत्ति और 1.12 करोड़ की नकदी-गहनों पर हाथ साफ

पुलिस का कहना है कि अप्रैल में आरोपी निकिता ने बुजुर्ग को मेडिकल चेकअप और लीगल फॉर्मेलिटी का बहाना देकर रजिस्ट्रेशन ऑफिस ले जाकर फ्लैट्स के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवा लिए। आरोप है कि उसने चार फ्लैट्स में से एक-तिहाई हिस्सेदारी लगभग 6 करोड़ की संपत्ति अपने नाम करवा ली।

इसके बाद प्रोफेसर के बैंक डिटेल्स और एटीएम पिन का इस्तेमाल कर 1.12 करोड़ रुपये के गहने और नकदी भी अपने नाम कर ली।

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जब निकिता ने प्रोफेसर के फ्लैट के शेयर सर्टिफिकेट को अपने नाम ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू की, तब सोसायटी कमेटी को शक हुआ। उन्होंने बेटे को सूचना दी, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। जब बेटा पुणे से पवई पिता के घर आया तो सारा सच सामने आ गया।    

बेटे की शिकायत पर पवई पुलिस ने निकिता के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 306, 316(4) और 318(4) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही हैं और सबूतों के आधार पर जल्द ही आरोपी निकिता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।