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Aditya Thackeray: ‘मुझे गर्व है कि वे मुझे पेंगुइन कहते हैं’, आदित्य ठाकरे ने बीजेपी को दिया करारा जवाब

Aditya Thackeray: पिछले तीन महीने से आक्रामक रुख अपनाने वाले शिवसेना की युवा इकाई के प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुझे गर्व है वे मुझे पेंगुइन सेना कहते हैं। उन्हें ऐसे बोलते रहना चाहिए।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Oct 02, 2022

Aditya Thackeray on Penguin Remark

शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने बीजेपी पर किया पलटवार

Aditya Thackeray Slams Eknath Shinde Cammp, BJP: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नेतृत्व वाला खेमा अक्सर शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे की आलोचना करता है, जबकि आदित्य ठाकरे को बीजेपी नेता अक्सर पेंगुइन कहकर संबोधित करते हैं। कई बार शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री आदित्य को पेंगुइन सेना, म्याऊ-म्याऊ कैट जैसे शब्दों से बुलाते हैं। लेकिन आम तौर पर शांत और सौम्य रहने वाले 32 वर्षीय आदित्य ठाकरे ने ऐसे आलोचकों को जवाब दिया है।

पिछले तीन महीने से आक्रामक रुख अपनाने वाले शिवसेना की युवा इकाई के प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुझे गर्व है वे मुझे पेंगुइन सेना कहते हैं। उन्हें ऐसे बोलते रहना चाहिए। वह विधानसभा में मुंबई की वर्ली सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह भी पढ़े-Mumbai: नहीं थम रही शिवसेना में भगदड़, अब आदित्य ठाकरे के गढ़ वर्ली में सैकड़ों कार्यकर्ता शिंदे गुट में हुए शामिल

आदित्य ठाकरे ने कहा, मुझे गर्व है, इसका कारण यह है कि जब पेंगुइन को मुंबई लेकर आए तो उन्हें देखने ज्यादा से ज्यादा लोग आने लगे। और हम देख रहे हैं कि वें पेंगुइन कितना लोकप्रिय हो गए है। इसलिए मुझे गर्व है। मुझे पेंगुइन सेना बोलते रहिये। हमने ऐसे कई काम किए हैं, उसके बारे में भी बोलिए। हमने कोस्टल रोड शुरू किया, इसके बारे में भी बात करते रहिये।

आदित्य ठाकरे शुक्रवार को पुणे के दौरे पर थे। तब उन्होंने देवी पंडालों में जाकर दर्शन किये। उन्होंने पुणे के सारसबाग में महालक्ष्मी मंदिर के दर्शन के दौरान मीडिया से बातचीत की। इस दौरान आदित्य ठाकरे ने कई मुद्दों पर अपने विचार रखे।

गौरतलब हो कि विरोधियों के निशाने पर रहने वाले आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार गिरने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं से जुड़ने के लिए सड़क पर उतर आए हैं। ठाकरे परिवार के उत्तराधिकारी राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर रहे हैं, खास तौर पर उन क्षेत्रों में जहां के शिवसेना नेताओं ने बगावत की है।

वह ऐसे समय में सक्रीय हुए जब उनके पिता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला शिवसेना का गुट अस्तित्व के संकट का सामना कर रहा है। बता दें कि शिवसेना के 56 वर्षों के इतिहास में पार्टी के भीतर कई बार बगावतें हुईं हैं और पार्टी के दिग्ग्गज नेताओं छगन भुजबल (1991), नारायण राणे (2005) और राज ठाकरे (2006) ने पार्टी छोड़ी हैं, लेकिन इस बार एकनाथ शिंदे की अगुवाई में हुई बगावत ने पार्टी को पूरी तरह से हिला कर रख दिया। हर दिन उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना में बिखराव हो रहा है।