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सनातन का विरोध INDIA गठबंधन की राह कर सकता है मुश्किल, संजय राउत ने स्टालिन को दी यह सलाह

Shiv Sena UBT on Udhayanidhi Stalin: तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने दावा किया कि ‘सनातन धर्म’ समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसे खत्म कर देना चाहिए।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Sep 07, 2023

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संजय राउत

Sanjay Raut on Sanatana Remark: सनातन धर्म (Sanatana Dharma) पर विवादित टिप्पणी करने वाले द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। उदयनिधि के खिलाफ विरोध बढ़ने के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में द्रमुक नेता के खिलाफ कई मामले भी दर्ज हो चुके है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) के बेटे उदयनिधि स्टालिन के महाराष्ट्र आने पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठ रही है।

द्रमुक (DMK) विधायक उदयनिधि के खिलाफ शिवसेना (शिंदे गुट) आक्रामक है, वहीं उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) भी दबी जुबान में उदयनिधि के बयान का विरोध कर रही है। उदयनिधि वर्तमान में तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री है। बता दें कि डीएमके विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) का हिस्सा है। जिसमें शिवसेना उद्धव गुट भी शामिल है। यह भी पढ़े-मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे डटे, अनशन का 10वां दिन, बीपी गिरा, किडनी पर भी असर!


उदयनिधि स्टालिन के बयान से उद्धव गुट ने किया किनारा

डीएमके विधायक उदयनिधि स्टालिन के बयान पर आज शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सांसद संजय राउत ने कहा, “हमने यह बयान सुना है... उदयनिधि स्टालिन एक मंत्री हैं और उनके बयान का कोई समर्थन नहीं करेगा। उनको इस तरह के बयान से बचना चाहिए। यह DMK की राय हो सकती है। इस देश में 90 करोड़ हिंदू और अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं.. उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती... ऐसे बयान से पूरे देश का माहौल खराब हो गया है। एमके स्टालिन एक आदरणीय नेता हैं। अगर उनके सलाहकार थोड़ा बचकर बयान दें तो इंडिया गठबंधन में रुकावट नहीं आएगी।“

उदयनिधि अपने बयान पर कायम

तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि ने दावा किया कि ‘सनातन धर्म’ समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसे खत्म कर देना चाहिए। उदयनिधि ने ‘सनातन धर्म’ की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से की और कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इन्हें नष्ट कर देना चाहिए। कड़े विरोध के बावजूद उदयनिधि स्टालिन अपने इस आपत्तिजनक बयान पर कायम हैं।