
udhav thakrey file photo
(मुंबई): भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एनडीए के अपने रूठे हुए सहयोगियों को मनाने की राह पर कूच कर गए हैं, लेकिन उनका पहला पड़ाव ही बेहद कठिन होने वाला है। शाह की पुरानी सहयोगी शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे से बुधवार को मुलाकात के पहले ही शिवसेना ने भाजपा पर हमला बोल दिया है। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में भाजपा पर तीखे हमले किए गए हैं।
साम-दाम-दंड-भेद से चुनाव जीतने का आरोप
शवसेना ने दोहराया है कि पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव अपने बूते पर लड़ेगी। पार्टी पहले भी इस आशय की घोषणा कर चुकी थी। शिवसेना ने भाजपा पर पालघर लोकसभा सीट के उपचुनाव साम-दाम-दंड-भेद से जीतने का आरोप लगाया। उसने भाजपा को किसानों और पेट्रोल के बढ़ते दामों जैसे मुद्दों पर भी घेरा है। शिवसेना का एजेंडा नहीं उल्लेखनीय है कि शिवसेना सांसद संजय राउत पहले ही कह चुके हैं कि मेहमान का स्वागत करना मातोश्री की परंपरा है, लेकिन भाजपा अमित शाह से उद्धव ठाकरे की मुलाकात के लिए शिवसेना का अपना कोई एजेंडा नहीं है। उद्धव ठाकरे की शिकायत रही है कि भाजपा सत्ता में आते ही शिवसेना के अहसानों को भूल गई है। अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा रूठी हुई शिवसेना को मनाने में कामयाब होती है या फिर शिवसेना 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी राह खुद तय करेगी।
पेट्रोल की कीमतों से बढ़ी महंगाई
सामना में कहा गया है कि देश में पेट्रोल के भाव भड़कने से महंगाई बढ़ रही है। किसान हड़ताल पर हैं और किसानों का सरकार से संपर्क टूटने के कारण हड़ताल को असफल करने का काम जारी है। भाजपा ने पालघर लोकसभा सीट का उपचुनाव साम, दाम, दंड, भेद से जीता। उसी तरह साम, दाम दंड, भेद का इस्तेमाल कर किसानों की हड़ताल तोडऩे का काम जारी है। ऐसी परिस्थिति में मोदी दुनिया में और शाह देश में सम्पर्क मुहिम चला रहे हैं।
Published on:
06 Jun 2018 03:37 pm
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