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सीईटी सेल और प्रौद्योगिकी विभाग में हलचल

187 छात्रों के फर्जी जानकारी देने पर प्रशासन अचरज में 1228 छात्रों के अंकों की होगी जांच, दोषी छात्रों का रद्द किया जाएगा प्रवेश

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सीईटी सेल और प्रौद्योगिकी विभाग में हलचल

मुंबई. राज्य में मास्टर ऑफ मैनेजमेंट (एमबीए) कोर्स में प्रवेश के दौरान गलत जानकारी और सूचना देने के 187 मामले आने के बाद से सीईटी सेल और प्रौद्योगिकी विभाग में खलबली मची हुई है। पिछले साल प्रवेश प्रक्रिया कराई गई थी। इसे ध्यान में रखते हुए अटमा एडमिशन सिस्टम के माध्यम से एडमिशन किए गए 1,228 छात्रों के अंकों की जांच की जाएगी। इसी के चलते पिछले साल छात्रों को फर्जी दस्तावेज जारी किए गए हैं।
राज्य में सीईटी के बराबर ही एमबीए की केंद्रीय प्रवेश परीक्षा एआईआईएमएस टेस्ट फॉर मैनेजमेंट एडमिशन (एटीएमए) प्रणाली के माध्यम से राज्य के कॉलेजों में प्रवेश दिया गया। इसके चलते प्रतिशत में अचानक वृद्धि की रिपोर्ट के बाद छात्रों की जांच की गई। यह पता चला कि 187 छात्रों ने फर्जी दस्तावेज जमा किए थे, उनमें से 25 छात्रों को प्रवेश दिया गया था। जिन छात्रों ने गलत जानकारी प्रस्तुत की, उनमें से 150 छात्रों को गलत अंक और 37 छात्रों ने गलत नाम और गलत जानकारी प्रस्तुत की थी। प्रवेश के लिए फर्जी कागजात प्रस्तुत किए जाने का जानकारी होने के बाद सीईटी प्रवेश समिति की ओर से इस प्रवेश प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया था।


छात्रों की मान्यता होगी रद्द
सीईटी सेल और प्राधिकरण ने पिछले साल की गई 1228 प्रवेश की जांच करने का फैसला किया है, जिससे यह पता चले कि क्या छात्रों ने पिछले साल भी यह प्रयास किए थे। छात्रों के मूल अंकों की जानकारी अटमा में शामिल होगी। साथ ही प्रवेश प्रणाली को जमा किए गए दस्तावेजों की जांच की जाएगी। रिपोर्ट को प्रवेश प्राधिकरण के समक्ष रखा जाएगा। अब यह नहीं कहा जा सकता है कि सत्यापन के लिए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं, लेकिन इस साल फर्जी दस्तावेज की शिकायत के बाद उनकी जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने वाले छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ-साथ अधिकारियों ने उनकी मान्यता रद्द करने का फैसला लिया है। सीईटी सेल के आयुक्त आनंद रायते ने यह जानकारी दी।


पुरानी प्रवेश प्रक्रिया के चलते छात्रों ने दी गलत जानकारी
उल्लेखनीय है कि अव्यवस्थाओं के मद्देनजर लाभों सीईटी की ओर से प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए 'सार' पोर्टल लॉन्च किया गया था। जबकि सर्वर में आई विभिन्न समस्याओं के चलते इस पोर्टल को बंद कर दिया गया था और पुराने तरीके से प्रवेश प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। इसका फायदा उठाकर छात्रों ने गलत तरीके से एडमिशन लेने का प्रयास किया था।