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ITI परीक्षा को लेकर इसलिए परेशान हैं छात्र, बन रही Online की योजना ?

आईटीआई परीक्षा ( ITI Exam ) पद्धति कप लेकर असमंजस ( Confusion ) में छात्र, अब मंत्रालय ( Mantralay ) बना रहा ऑनलाइन परीक्षा ( Online Exam ) की योजना, 4-5 वर्षों से छात्रों पर नई परीक्षाओं का हो रहा प्रयोग, छात्रों पर पड़ रहा सीधा प्रभाव आ रही रोजगार ( Employment ) में गिरावट

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ITI परीक्षा को लेकर इसलिए परेशान हैं छात्र, बन रही Online की योजना ?

ITI परीक्षा को लेकर इसलिए परेशान हैं छात्र, बन रही Online की योजना ?

रोहित के. तिवारी

मुंबई. आईटीआई को छात्रों की परीक्षा से दो साल पहले आयोजित किया गया था, जिसके बाद इसने सेमेस्टर पद्धति शुरू की गई। बाद में ओएमआर शीट पर लिखा जाना शुरू हुआ। अब केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय परीक्षा ऑनलाइन लेने की योजना बना रहा है। इस तरह केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय पिछले 4-5 वर्षों से आईटीआई के छात्रों के लिए नई परीक्षाओं का प्रयोग कर रहा है। इससे छात्रों के प्रशिक्षण पर सीधा प्रभाव पड़ा है और उनके रोजगार में गिरावट आने लगी है। वहीं परीक्षा के नए प्रयोगों से छात्रों को निराशा हुई है। अब उनकी मानसिकता हो गई है कि उन्हें आईटीआई में शिक्षा नहीं लिया जाना चाहिए। यही वजह है कि आईटीआई में प्रवेश लेने वाले छात्रों में भारी गिरावट आई है। आईटीआई में भर्ती होने वाले छात्र 10वीं पास हैं या फेल हैं। वहीं जिला परिषद के स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों की तरह वे उतने स्मार्ट भी नहीं होते। ऐसे छात्रों को राज्य में बड़ी संख्या में आईटीआई में दाखिला दिया जाता है। ऐसे छात्र परीक्षा के नए प्रयोगों का सामना करने के मूड में नहीं हैं।

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छात्रों को नहीं होती कंप्यूटर की जानकारी...
2017- 2018 से आईटीआई के रुझानों पर एनएसक्यूएफ लेवल 4 और 5 को लागू किया गया है। यदि आप इस स्तर पर अध्ययन करते हैं तो इन प्रशिक्षुओं के लिए पूरा सप्ताह प्रैक्टिकल, थ्योरी, ड्राइंग, गणित, विज्ञान और रोजगार कौशल में चला जाता है। तो इसके बावजूद क्या वास्तव में ऑन-लाइन परीक्षण की आवश्यकता है? 80 प्रतिशत प्रदर्शन-आधारित आईटीआई प्रशिक्षण पद्धति के आधार पर, छात्रों को प्रशिक्षित किया जाता है और उन्हें कुशल बनाया जाता है। रोजगार कौशल इस विषय को सप्ताह में 2 घंटे पढ़ाने के लिए छात्रों को कंप्यूटर का अधिक ज्ञान नहीं होती है।

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अच्छी थी लिखित परीक्षा...
इन छात्रों को कंप्यूटर का ज्ञान है या नहीं, यह मामला नहीं है, जबकि ग्रामीण और दूरदराज आदिवासी क्षेत्रों में हमेशा से नेटवर्क एक बड़ी समस्या रहा है। ऐसे समय में ये छात्र ऑनलाइन परीक्षा कैसे संभालेंगे? महाराष्ट्र में सरकारी और निजी आईटीआई में सभी जगह सही कंप्यूटर लैब उपलब्ध नहीं हैं। साथ ही महाराष्ट्र में अंग्रेजी विषय के बारे में छात्रों को ज्यादा जानकारी भी नहीं है। इसलिए पिछली लिखित परीक्षा के तरीके अच्छे थे।

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ऑनलाइन परीक्षा पर हो पुनर्विचार...
बीटेक, पॉलिटेक्निक, एमबीए, मेडिकल की परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित नहीं की जाती हैं। पूरे देश में शैक्षणिक परीक्षाएं ऑनलाइन नहीं ली जाती हैं। ऐसे में आईटीआई के छात्रों से ऑनलाइन परीक्षा क्यों ली जा रही है? आईटीआई के छात्रों के लिए यह ऑनलाइन परीक्षा भारी पड़ने वाली है। साथ ही परीक्षा के परिणाम कभी भी समय पर नहीं आते हैं। पहले परीक्षा अनुसूची की घोषणा की जाती है और फिर परीक्षा अनुसूची को कई बार बदल दिया जाता है। इससे छात्रों में भ्रम का माहौल बनता है, जिससे परीक्षा में असफलता मिलती है। इसके लिए राज्य सरकार को व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशालय के डीजीईटी के पास इन विषय को बढ़ाया जाना चाहिए, ऐसी मांग छात्र वर्ग कर रहे हैं।

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