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कुत्ते ने काटा, रेबीज का टीका लगवाया… फिर भी जिंदगी की जंग हार गई 5 साल की निशा

Rabies Death in Maharashtra: ठाणे के दिवा इलाके से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां एक 5 वर्षीय बच्ची की कुत्ते के काटने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Dec 24, 2025

Nisha Shinde dog bite Rabies death in diva

कुत्ते के काटने से 5 साल की बच्ची की मौत (Patrika)

मुंबई से सटे ठाणे जिले के दिवा इलाके में एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक 5 वर्षीय बच्ची निशा शिंदे की कथित तौर पर रेबीज संक्रमण (Rabies Death Case) के कारण मौत हो गई। मासूम निशा को पिछले महीने एक कुत्ते के काटा था। वह पिछले कुछ दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही थी, लेकिन रविवार को उसकी सांसें थम गईं। इस घटना के बाद से इलाके में शोक और गुस्से की लहर है।

कैसे हुआ हादसा?

यह घटना 17 नवंबर की है। निशा दिवा (पूर्व) के बेडेकर नगर स्थित अपने घर के बाहर खेल रही थी। तभी एक पागल कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया और उसके कंधे को बुरी तरह काट लिया। लहूलुहान हालत में माता-पिता उसे तुरंत कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (KDMC) के शास्त्रीनगर अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे रेबीज का इंजेक्शन दिया।

जन्मदिन के बाद बिगड़ी तबीयत

3 दिसंबर को निशा का जन्मदिन था, तब तक उसकी हालत स्थिर थी और परिवार ने खुशी-खुशी उसका जन्मदिन मनाया। लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि अगले कुछ दिनों में क्या होने वाला है।

17 दिसंबर को डॉक्टरों ने निशा को रेबीज का आखिरी चौथा डोज लगाया, उसके बाद अचानक उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। बच्ची में रेबीज के भयानक लक्षण दिखने लगे। वह खुद को काटने लगी और उसे असहाय दर्द होने लगा। परिजन तुरंत उसे शास्त्रीनगर अस्पताल ले गए, लेकिन गंभीर हालत को देखते हुए मुंबई के कस्तुरबा अस्पताल (Kasturba Hospital) रेफर कर दिया गया।

कुत्ते के काटने के बाद लगवाया रेबीज इंजेक्शन, फिर कैसे हुई मौत?

मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के कस्तुरबा अस्पताल में चार दिनों तक निशा को बचाने की हर संभव कोशिश की गई, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती चली गई। आखिरकार 21 दिसंबर को इस नन्ही जान ने दम तोड़ दिया। निशा के मामा ने आरोप लगाया है कि उनकी भांजी को समय पर सही इलाज नहीं मिला, जिसके कारण उसकी जान गई।

इस घटना ने नगर निगम के स्वास्थ्य तंत्र और आवारा कुत्तों की समस्या पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इलाज या दवा की गुणवत्ता में कोई कमी थी। किसकी लापरवाही से मासूम की जान चली गई।