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चाचा का भतीजे को झटका: 2 बड़े नेताओं ने की शरद पवार से मुलाकात, छोड़ेंगे अजित दादा का साथ?

Sharad Pawar Vs Ajit Pawar : खबरों की मानें तो अजित पवार की एनसीपी के दो बड़े नेताओं ने शरद पवार से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Oct 01, 2024

Sharad Pawar Ajit Pawar NCP

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले वरिष्ठ नेता शरद पवार अपने भतीजे अजित पवार को पटखनी देने के लिए रणनीतियों को धार देने में जुट गए है। उन्होंने पुणे जिले में अपने नेतृत्व वाली एनसीपी को फिर से मजबूत करने की रणनीति बनाई है। इसलिए वह पुराने सहयोगियों से सीधे संपर्क साध रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, पुणे के मोदी बाग स्थित शरद पवार के आवास पर इन दिनों नेताओ और कार्यकर्ताओ की भीड़ उमड़ रही है। बताया जा रहा है कि इसमें अजित पवार गुट के दो एनसीपी नेता भी है। जिन्होंने शरद पवार से मुलाकात की है। इसके चलते खासकर पुणे और सोलापुर में सियासी बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।

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रिपोर्ट्स के अनुसार, अजित पवार की एनसीपी के दो बड़े नेताओं ने हाल ही में शरद पवार से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। इसमें सोलापुर के माढ़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक बबन शिंदे भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि बबन शिंदे फिर से शरद पवार गुट में शामिल होने के इच्छुक है। इसके अलावा अजित पवार गुट के पिंपरी चिंचवड के नेता विलास लांडे भी शरद पवार से मिलने पहुंचे।

विलास लांडे इससे पहले पुणे के भोसरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं। खबर है कि विलास लांडे जल्द ही शरद पवार गुट का दामन थामेंगे। चूंकि इन दोनों नेताओं ने विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार से मुलाकात की, इसलिए राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि ये दोनों नेता अजित दादा का साथ छोड़कर शरद पवार खेमे में शामिल हो रहे है।

बता दें कि भोसरी के उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना (यूबीटी) नेता रवि लांडगे ने भी शरद पवार से मिलकर भोसरी सीट पर अपनी पार्टी की ओर से दावा पेश किया है। लांडगे ने सोमवार को शरद पवार से मिलकर भोसरी में उन्हें सहयोग करने का अनुरोध किया हैं।

2019 विधानसभा चुनाव में भोसरी से बीजेपी नेता महेश लांडगे जीते थे, इस बार भी उन्हें ही टिकट मिलने की संभावना है। इसलिए विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाडी (MVA) बीजेपी विधायक महेश लांडगे के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रही है। एमवीए में एनसीपी (एसपी), कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं।