मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सोमवार 27 जून को अपने पद से इस्तीफा देना चाहते थे। मुख्यमंत्री कथित तौर पर सोशल मीडिया के माध्यम से आज शाम 5 बजे अपने फैसले की घोषणा करना चाहते थे। लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के सीएम पद से इस्तीफा नहीं देने के लिए मना लिया। मुख्यमंत्री ने अब तक दो बार इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन कथित तौर पर दोनों ही बार शरद पवार उन्हें मनाने में कामयाब हुए।
पिछले हफ्ते उद्धव ठाकरे ने कहा था कि अगर शिवसेना के बागी विधायक चाहते हैं तो वह सीएम पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि अगर विधायक सामने आकर कहेंगे तो वह शिवसेना प्रमुख का पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं।
एकनाथ शिंदे के खेमे में अधिकांश शिवसेना विधायकों के जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा था, “मैं शिवसेना प्रमुख का पद भी छोड़ने को तैयार हूं। मेरे शिवसैनिकों मुझे यह करने के लिए कहेंगे तो मैं दोनों पदों को छोड़ दूंगा। लेकिन मेरे सामने आओ और मुझे बताओ।”
इस बीच, देश की शीर्ष कोर्ट से आज शिंदे खेमे को बड़ी राहत देते मिली. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 11 जुलाई तक के लिए टाल दी है।
कोर्ट के आदेश के बाद, सूत्रों ने बताया कि शिंदे गुट महा विकास अघाड़ी सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए जल्द ही महाराष्ट्र के राज्यपाल से संपर्क कर सकती है। शिवसेना के बागी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे हैं। उधर, बीजेपी अभी खुलकर शिंदे खेमे का समर्थन तो नहीं कर रही, लेकिन भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर साथ सरकार बनाने का इशारा किया है।