
उद्धव ठाकरे
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिकाओं के बारे में उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर न्याय (Rahul Narvekar) नहीं करेंगे तो उनकी पार्टी के लिए सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खुले हैं। ठाकरे ने यह बात ‘आवाज कुणाचा’ पॉडकास्ट इंटरव्यू में कही है।
उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) की ओर से पहले ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इस संबंध में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को शिंदे नीत बागी खेमे के विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की गई है। जिसके बाद शीर्ष कोर्ट ने स्पीकर नार्वेकर को नोटिस भी जारी किया है। यह भी पढ़े-‘नही गिरेगी महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार’, NCP नेता ने की बड़ी भविष्यवाणी
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) का आरोप है कि विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले में देरी कर रहे हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट स्पीकर को तत्काल निर्णय लेने का आदेश दें। याचिका में उद्धव ठाकरे गुट ने विधानसभा अध्यक्ष पर निष्क्रियता और पक्षपात करने का भी आरोप लगाया है।
दबाव में नहीं लूंगा फैसला- स्पीकर
हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा था, “मैं सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का स्वागत करता हूं, जिसमें महाराष्ट्र सरकार के 16 विधायकों की अयोग्यता के मामले में अपना फैसला सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष को विशेष शक्तियां दी गई हैं। जहां तक निर्णय लेने की बात है, मैं विधायकों की अयोग्यता पर फैसला यथाशीघ्र लूंगा। मैं किसी के दबाव में फैसला नहीं लूंगा।“
महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष का नतीजा 11 मई को आया था। तब सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला एक समय सीमा के भीतर लेने का आदेश स्पीकर को दिया था। हालांकि नार्वेकर का कहना है कि एक निश्चित अवधि में इस पर फैसला लेना असंभव है। हालांकि उन्होंने कहा कि वह जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाने का प्रयास करेंगे।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 शिवसेना विधायकों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। शिंदे समेत 39 अन्य शिवसेना विधायकों ने पिछले साल जून में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिससे पार्टी में फूट पड़ गई थी और उद्धव ठाकरे नीत महाविकास आघाडी (MVA) की सरकार गिर गई थी। शिंदे बाद में बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए।
Published on:
26 Jul 2023 09:19 pm
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