
अभिनेता सैफ अली खान पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपी को मुंबई पुलिस ने रविवार तड़के कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार पकड़ ही लिया। 30 वर्षीय आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम (Mohammad Shariful Islam) ठाणे के हीरानंदानी एस्टेट परिसर में मौजूद मैंग्रोव में छिपा था। अधिकारियों ने बताया कि सैफ के हमलावर ने एक छोटी सी दुकान पर ऑनलाइन पैसे दिये थे, जो जांच में एक महत्वपूर्ण कड़ी थी और घटना के लगभग 70 घंटे बाद इस्लाम तक पहुंचा जा सका।
रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी मोहम्मद इस्लाम ने वारदात के बाद वर्ली में सेंचुरी मिल के पास एक स्टॉल पर नाश्ता किया था, जहां उसने यूपीआई से पैसे दिए थे। पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि इस्लाम ने पराठा और पानी की एक बोतल खरीदी थी और पैसे गूगल-पे (G Pay) से दिए थे। इससे इस्लाम के मोबाइल नंबर का पता लगा और जब नंबर को ट्रेस किया गया तो लोकेशन ठाणे की मिला।
अधिकारियों की अगुवाई में करीब 100 पुलिसकर्मियों की टीम ने इलाके की तलाशी शुरू की। इस दौरान इस्लाम के लेबर कैंप के पास घने मैंग्रोव क्षेत्र में होने की सूचना मिली।
इसके बाद पुलिस टीम ने अंधेरे में तलाशी शुरू की, इस दौरान एक अधिकारी को टॉर्च की रोशनी में मैंग्रोव में इस्लाम बैठा हुआ नजर आया। जैसे ही अधिकारी पास जाने लगा वह खड़ा होकर भागने लगा। लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया।
पुलिस के मुताबिक, मोहम्मद इस्लाम गुरुवार (16 जनवरी) तड़के चोरी करने के इरादे से बांद्रा पश्चिम में सतगुरु शरण इमारत में स्थित सैफ के फ्लैट में घुसा था। लेकिन उसे नहीं पता था कि वह अभिनेता का घर है। यहां तक की वह वारदात के बाद कई घंटों तक बांद्रा में ही इधर-उधर भटक रहा था।
घटना वाले दिन जब मुंबई पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की तो संदिग्ध बांद्रा रेलवे स्टेशन पर नजर आया और फिर दादर स्टेशन के पास एक दुकान पर मोबाइल कवर खरीदते हुए भी वह कैमरे में कैद हुआ। वहां उसने कैश पैसे दिए और फिर कबूतरखाना होते हुए वर्ली चले गया। आगे छानबीन करने पर पता चला कि इस्लाम सेंचुरी मिल के पास एक स्टॉल पर नाश्ता करने रुका था, उसने उस स्टॉल के मालिक नवीन एक्का से कई बार बातचीत की। जिसके बाद पुलिस कोलीवाड़ा के पास रहने वाले एक्का तक पहुंची।
एक्का का पता लगाने के लिए पुलिस की कई टीमें इलाके में गईं। इस दौरान जनता कॉलोनी में एक्का के घर का पता चला, लेकिन जब पुलिस पहुंची तो घर पर ताला लगा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने मकान मालिक राजनरायण प्रजापति से संपर्क किया गया। प्रजापति के बेटे ने एक्का का नंबर दिया, लेकिन तब भी संदिग्ध की पहचान नहीं हो सकी।
पुलिस को सफलता तब मिली जब एक्का ने बताया कि संदिग्ध ने जीपे (Google Pay) से उसे पैसे दिए थे। इससे पुलिस को इस्लाम का मोबाइल नंबर मिला, जिससे अहम सबूत साबित हुआ।
नंबर ट्रेस करने पर पता चला कि इस्लाम ठाणे के कासारवडावली (Kasarvadavali) में श्रमिक शिविर में है, जहां अमित पांडे नाम के एक ठेकेदार ने उसे महीनों पहले काम पर रखा था। लेकिन शनिवार रात 10 बजे इस्लाम वहां से भाग गया और उसका फोन बंद होने के कारण पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाई। इसके बाद पुलिस की टीम ने तलाशी अभियान चलाया और मैंग्रोव क्षेत्र से उसे दबोच लिया।
Published on:
20 Jan 2025 11:24 am
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