
यहां समानांतर अर्थव्यवस्था चलाई जा रही है
नई दिल्ली।नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) की केंद्र सरकार ( Central govt ) ने Govt Employees को बड़ा झटका दिया है। उनकी सरकार ने जनरल प्रोविडेंट फंड ( General Provident Fund ) की ब्याज दरों में कटौती कर दी है। वित्त मंत्रालय ( finance ministry ) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाले जनरल प्रोविडेंट फंड पर ब्याज को 8 फीसदी से 7.9 फीसदी कर दिया गया है। मंत्रालय की ओर से जानकारी के अनुसार जीपीएफ ( GPF ) पर 10 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की गई है। नई ब्याज दरें 1 जुलाई से प्रभावी हो चुकी हैं। आपको बता दें कि पिछली तीन तिमाहियों से 8 फीसदी ब्याज मिल रहा था।
इन विभागों के कर्मचारियों को हुआ नुकसान
वित्त मंत्रालय द्वारा दिए एक बयान के अनुसार यह ब्याज दर केंद्र सरकार के कर्मचारियों, रेलवे, रक्षा बलों की भविष्य निधि, इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्ररीज के कर्मचारियों के भविष्य निधि पर लागू होगी। जीपीएफ के सदस्य केवल सरकारी कमर्चारी होते हैं। सरकारी कर्मचारी अपने वेतन का एक हिस्सा इसमें निवेश करते हैं, जिसका रिटर्न उन्हें रिटायरमेंट के समय प्राप्त होता है।
पीपीएफ पर मिल रहा है 8 फीसदी ब्याज
कोई भी व्यक्ति अपनी मर्जी से जिस संचित निधि में निवेश कर सकता है, उसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ कहा जाता है। पीपीएफ खाता खुलवाने के लिए आपका नौकरीपेशा होना जरूरी नहीं है। यह एक तरह से रिटायरमेंट सेविंग प्लान होता है, जो कि मैच्योरिटी के बाद फायदा देता है। पीपीएफ पर वर्तमान समय में 8 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है।
ईपीएफ पर 8.55 फीसदी मिल रहा है ब्याज
वहीं संगठित और असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए संचित निधि की जो व्यवस्था है, उसको इंप्लॉज प्रोविडेंट फंड कहा जाता है। इसमें कंपनी और कर्मचारी दोनों का योगदान होता है। यह वो पैसा होता है, जो कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी से कट कर प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन में जमा होता है। ईपीएफ खाते में जमा राशि पर 8.55 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है।
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Published on:
17 Jul 2019 02:16 pm
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