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मामला थाना शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला मक़्क़ीनगर स्तिथ तालाब के पास का है। यहां गुरुवार को मात्र दो दिन की नवजात बच्ची का शव कूड़े के ढेर में मिलने से मोहल्ले में सनसनी फैल गई। शव के मिलने के बाद मोहल्ले वासियो के द्वारा नगर कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई।
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सूचना पर पहुंची शहर कोतवाली पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर नवजात बच्ची के शव को कब्जे में लेकर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी। इस दौरान मोहल्लेवासियों ने बताया कि यहां कूड़े के ढेर में कूड़ा बीनने वाला कूड़ा बिन रहा था, तो उसने देखा कि एक गड्ढे में कुछ पड़ा हुआ है। जब उसने वहां नजदीक जाकर देखा तो वह हक्का बक्का रह गया. क्योकि वह कूड़ा नहीं, कूड़े के रूप में एक नवजात बच्ची का शव था। जिसे देखकर वह चींख पड़ा। इसके बाद उस कूड़े बीनने वाले ने इस संबंध में मोहल्ले के लोगों को बताया। जैसे ही इस घटनाक्रम के बारे में लोगों को पता चला तो वहां बच्ची के शव को देखने के लिए भीड़ जमा हो गई।
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जनपद मुजफ्फरनगर में अक्सर इस तरह की घटनाएं आम हो चली है। पिछले महावीर थाना चरथावल क्षेत्र के गांव मथुरा के जंगल से एक नवजात बच्ची झाड़ियों से मिली थी, जिसे गांव के ही 2 लोगों ने उठाकर अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां कुछ ही घंटे बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया था। उस घटना का भी आज तक पुलिस द्वारा कोई खुलासा नहीं किया गया है। एक ओर जहां सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर जोर दे रही है। वहीं, कुछ लोगों के द्वारा बेखौफ होकर बेटियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। सवाल इस बात का है कि आखिर नवजात बच्चियों को मौत के घाट उतारने वाले क्यों सलाखों के पीछे नहीं पहुंच पाते हैं।