
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर एडिशनल एससी/एसटी एक्ट की विशेष सत्र न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली निवासी दलित महिला को पति की नौकरी लगवाने का झांसा देकर दुष्कर्म और अश्लील वीडियो बनाने के मामले में न्यायालय ने अभियुक्त को दोषी मानते हुए उम्रकैद व 15 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजन अधिकारी यशपाल सिहं व सहदेव सिंह ने बताया कि दिल्ली की पीड़ित दलित महिला का पति दिल्ली में ही एक फैक्ट्री में नौकरी करता था। भोपा थाना क्षेत्र के गांव नन्हेडा निवासी अभियुक्त रजत भी उसी फैक्ट्री में नौकरी करता था। महिला के पति की नौकरी छूट गई थी, तब अभियुक्त ने महिला को उसके पति की नौकरी लगवाने का झांसा दिया।
आरोप है कि 17 दिसंबर 2014 को अभियुक्त ने पीड़िता के साथ विवाह के फर्जी कागजात तैयार कर बहला फुसलाकर खतौली थाना क्षेत्र में अपनी रिश्तेदारी में ले गया था। यहां पर अभियुक्त ने महिला के साथ दुष्कर्म किया और अश्लील वीडियो भी बना लिया।
पीड़िता ने इस मामले मे आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत खतौली थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भेज दी थी। इस मामले में एडिशनल एससीएसटी एक्ट की विशेष सत्र न्यायाधीश जमशेद अली ने सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों को सुनने के बाद गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर मंगलवार को अभियुक्त रजत को दोषी मानते हुए आजीवन कैद व 15 हजार रुपये जुर्मानो की सजा सुनाई।
Published on:
02 Feb 2022 01:16 pm
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