scriptराकेश टिकैत के अल्लाह हू अकबर के नारे पर भाजपा विधायक का पलटवार | BJP MLA Vikram Saini's statement on Rakesh Tikait | Patrika News

राकेश टिकैत के अल्लाह हू अकबर के नारे पर भाजपा विधायक का पलटवार

locationमुजफ्फरनगरPublished: Sep 11, 2021 11:54:10 am

Submitted by:

Nitish Pandey

विधायक विक्रम सैनी कहा कि इस आंदोलन में अगर नारे लगने थे तो जय जवान जय किसान के नारे लगने चाहिए थे।

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मुजफ्फरनगर. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बीते 5 सितंबर को हुई किसान महापंचायत के दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत द्वारा अल्लाह हू अकबर और हर हर महादेव का नारा लगाया था। इसके बाद से देशभर में सांप्रदायिक और सेक्युलर लोगों में एक बहस भी छिड़ गई है, जिसमें राकेश टिकैत के इस नारे को कुछ लोग हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की एकता की मिसाल दे रहे हैं तो वही भारतीय जनता पार्टी और उनके समर्थक इस बयान का उल्टा ही मतलब जोड़कर चल रहे है।
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विधायक विक्रम सैनी ने किया राकेश टिकैत नारे का विरोध

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के इस नारे का विरोध करते हुए विधायक विक्रम सैनी ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। विधायक विक्रम सैनी ने 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में हुई किसान महापंचायत को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश मे इस समय किसान आंदोलन नहीं चल रहा है, बल्कि किसान आंदोलन के नाम पर राजनीतिक लोगों और राजनीतिक पार्टियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ जाकर सत्ता हथियाने की कोशिश कर रहे है।
किसानों को बहका पुसला रहे हैं राजनीतिक लोग- सैनी

उन्होंने यह भी कहा कि मंच से चौधरी राकेश टिकैत ने अल्ला हू अकबर और हर हर महादेव के नारे लगाए हैं वह किसानों के लिए नहीं, बल्कि एक विशेष समुदाय के लोगों को खुश करने के लिए लगाए है। विक्रम सैनी ने कहा दिल्ली हो या मुजफ्फरनगर या फिर पंजाब या हरियाणा, वहां कोई किसान आंदोलन नहीं चल रहा है किसान आंदोलन के नाम पर राजनीतिक लोग किसानों को बहका पुसला रहे हैं।
किसान आंदोलन, राजनीतिक आंदोलन बन कर रह गया-सैनी

विधायक विक्रम सैनी कहा कि इस आंदोलन में अगर नारे लगने थे तो जय जवान जय किसान के नारे लगने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि पंचायत में किसानों के हित में बातें ज्यादा होनी चाहिए थी मगर वहां राजनीतिक बातें ज्यादा हुईं। उन्होंने कहा कि यह किसान आंदोलन न होकर राजनीतिक आंदोलन बन कर रह गया। इस आंदोलन में कांग्रेस के लोग शामिल थे, राष्ट्रीय लोक दल के लोग शामिल थे और समाजवादी पार्टी के लोग शामिल थे।
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