आरोप है कि मुलाकात कराने के बाद उसने हजरत के एक मदरसे के नाम 37 हजार रुपये चंदें के नाम पर ले लिए, लेकिन एक बार फिर से जितेन्द्र अपने साथियों के साथ हजरत से मिलने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मौके पर मौजूद हजरत के बड़े बेटे मौलाना राशिद नुरुल हसन से चंदे के रूप में 37 हजार रुपये देने की बात कही। जिसका मौलाना राशिद ने खंडन करते हुए कहा कि हजरत धार्मिक मदरसों व मस्जिदों के नाम पर मुस्लिम व गैर मुस्लिमों से कोई चंदा नहीं लेते हैं। इस तहर की हरकत करने वाले व्यक्ति को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।