
मुजफ्फरनगर। पराली जलाने को लेकर किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे समेत उनकी कई मांगों को लेकर बुधवार को कांग्रेसी नेता सड़क पर उतर गये। सैंकड़ों की संख्या में कांग्रेसी नेता किसानों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे। यहां पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्या को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा किसानों की समस्या को अनदेखा किया जा रहा है। जिसके चलते कांग्रेसियों में भारी रोष व्याप्त है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ हुए मुकदमे वापस लेने की भी मांग की है।
दरअसल मामला मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी कार्यालय का है। यहां बुधवार को सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्या को लेकर जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। वहीं उन्होंने जिलाधिकारी को राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि किसानों की तरफ से मौजूदा सरकार आंख बंद किए बैठी है। जिसके कारण किसान अनेक समस्याओं से घिरा बैठा है और ऊपर से सरकार तरह-तरह की वसूली को लेकर किसानों को जेल में डाल रही है। किसानों को खुशहाली एवं तरक्की का सपना दिखाकर लूट लिया गया है। अब किसान शादी विवाह भी अपने बच्चों की नहीं कर पा रहे है।
राज्यपाल के नाम दिया पांच सूत्रीय मांगों का दिया ज्ञापन
वहीं कांग्रेस पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी को राज्यपाल के नाम किसानों की पांच मांगों का एक ज्ञापन दिया। इसमें गन्ने का रेट भी कम से कम 450 रुपये की मांग की गई है। जिन किसानों को अपनी फसल की परानी जलाने पर जेलों में डाल दिया गया है। पीडि़त किसानों से मुकदमा वापस लेकर जेल से छुड़ाया जाये। किसान के गन्ने का भुगतान 14 दिन तक के ब्याज सहित भुगतान किया जाये। किसानों को गन्ने के आवंटन में भेदभाव बरता जा रहा है और गन्ने की पर्ची का आवंटन समय और सही नहीं किया जा रहा है। किसानों की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। इसलिए उनकी बिजली की दर कम की जाये।
Published on:
05 Dec 2019 06:55 pm
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