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दहेज हत्या में तीन माह की बच्ची को भी जाना पड़ेगा जेल, जानिए क्या है वजह

कोर्ट ने सात साल की सुनार्इ सजा

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दहेज हत्या में तीन माह की बच्ची को भी जाना पड़ेगा जेल, जानिए क्या है वजह

मुजफ्फरनगर यूपी के मुजफ्फरनगर में दहेज हत्या के एक मामले में कोर्ट ने सुनवार्इ करते हुए एक ही परिवार के 2 महिलाओं सहित 6 लोगों को सजा सुनाई है।जिसमें मृतका के पति को 10 साल जेल और 32 हज़ार रुपए का अर्थदंड दिया है। वहीं मृतका के ससुर, सास ,जेठ ,ननंद व एक चचिया ससुर को 7 - 7 साल की सजा और 32 - 32 हज़ार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।इस मामले में निर्दोष होने के बावजूद भी 3 माह की मासूम बच्ची का बचपन अपनी मां के साथ जेल की चारदीवारी में कटेगा। इसके पीछे की वजह भी गंभीर है।

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शादी के बाद महिला की जलाकर कर दी थी हत्या

दरअसल जनपद मेरठ के गांव नगलामल निवासी सुशील ने अपनी पुत्री निशा की शादी 20 फरवरी 2007 को जनपद मुजफ्फरनगर के थाना खतौली क्षेत्र के गांव मढ करीमपुर निवासी सौरभ पुत्र देवेंद्र के साथ की थी। इसमें 3 अक्टूबर 2008 को निशा की जलाकर हत्या कर दी गई थी। जिसमें मृतका के पिता सुशील ने खतौली थाने में ससुराल पक्ष के 6 लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा गया था कि ससुराल वाले उसको दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे। दहेज की मांग पूरी ना होने से निशा के पति व ससुराल जनों ने उस पर पहले तेजाब छिड़का और फिर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। मुकदमे की सुनवाई सोमवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट 4 में चल रही थी।

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कोर्ट ने सुनार्इ सजा बच्ची को इस वजह से रहना पड़ सकता है जेल में

इसमें जिला शासकीय अधिवक्ता आनोद बालियान ने कोर्ट में 10 गवाह पेश किए। सबूत व दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने मृतका निशा के पति सौरव ससुर देवेंद्र जेठ गौरव सास सुमन व ननंद ज्योति तथा चचिया ससुर मेघ सिंह को दोषी करार देते हुए उन्हें सजा सुनाई है जिसमें पति सौरभ को कोर्ट ने 10 साल की सजा और 32 हज़ार का अर्थदंड वहीं अन्य आरोपियों को 7 - 7 साल की सजा 32 - 32 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है। वहीं इस मामले में ज्योति की 3 माह की मासूम बच्ची का बचपन भी मां के साथ सलाखों के पीछे ही कट सकता है। इसकी वजह बच्ची के बहुत ज्यादा छोटा होना आैर घर पर उसकी कोर्इ देखभाल के लिए न होना है।


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