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योगी सरकार के खिलाफ हुई पंचायत, इस मामले में सैकड़ों लोगों ने दी आंदोलन की चेतावनी

locationमुजफ्फरनगरPublished: Sep 15, 2018 09:35:44 am

Submitted by:

lokesh verma

मुजफ्फरनगर में आयोजित पंचायत में पुलिस पर लगाया फर्जी मुठभेड़ का आरोप

muzaffarnagar

योगी सरकार के खिलाफ हुई पंचायत, इस मामले में सैकड़ों ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी

मुजफ्फरनगर. सूबे में योगी सरकार आने के बाद पुलिस ने एक के बाद एक एनकाउंटर कर बदमाशों के दिल मे खौफ बैठा दिया था। वहीं बदमाश या तो प्रदेश छोड़ गए या फिर पुलिस की गोली का शिकार होकर जेल पहुंच गए हैं। मुजफ्फरनगर में भी गुरुवार को चरथावल पुलिस ने मुठभेड़ के बाद लूट के मामले में वांछित चल रहे बदमाश को गिरफ्तार किया था, जो कि पुलिस की गोली से घायल हो गया था। इसके बाद उसके परिजनों व ग्रामीणों ने शुक्रवार को पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाकर गांव में पंचायत की, जिसमें घायल बदमाश के परिजनों समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया। ग्रामीणों ने पंचायत में मांग रखी कि घायल बदमाश पर लगाए गए मुकदमे वापस हो वरना बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
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बता दें कि गुरुवार को चरथावल थाना पुलिस और बदमाशों के बीच पिलखनी मोड़ पर चेकिंग के दौरान बाइक सवार बदमाशों से मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में पुलिस की गोली से कोर्ट के वारंट में वांछित बदमाश मुन्नू उर्फ संदीप निवासी महाबलीपुर गांव घायल हो गया था। जबकि उसका एक साथी भागने में कामयाब हो गया था। इस मुठभेड़ को संदीप के परिजनों और ग्रामीणों ने फर्जी बताते हुए जमकर हंगामा किया, जिसके बाद आलाधिकारियों ने किसी तरह ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कर मामले की जांच कराने के आदेश दे दिए थे। वहीं शुक्रवार को ही महाबलीपुर गांव में मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए ग्रामीणों ने एक पंचायत का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।
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महाबलीपुर गांव प्रधान बबलू सिंह ने बताया कि पंचायत फर्जी मुठभेड़ को लेकर हुई है और जिन पुलिसकर्मियों ने ये मुठभेड़ की है वह एक साजिश के तहत की गई है। पुलिस साजिश के तहत संदीप की हत्या करना चाहती थी। उन्होंने कहा कि वारंटी तो पहले भी हुए हैं, वारंटी थाने गए जमानत मिल गई या वह जेल भेज दिए गए। ऐसा नहीं होता कि उनको गोली मार दी जाए। इस मामले चरथावल कोतवाल और कुछ पुलिसकर्मियों की साजिश थी। पुलिस ने पूरी प्लानिंग के साथ उसे मारना चाहती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले संदीप को जंगल में ले जाया गया। जंगल भी दूसरे क्षेत्र का था और मुठभेड़ दिखा दी गई। संदीप पर जितने भी केस लगाए गए हैं। ये सब उन पुलिसकर्मियों पर लगने चाहिएं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम एसएसपी कार्यालय पर एक बड़ा आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। हमें इंसाफ चाहिए।
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