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कुंभ मेले पर पड़ी कोविड-19 की काली छाया, यूपी-उत्तराखंड के बॉर्डर पर रोके गए श्रद्धालु

मध्य प्रदेश से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं को ताजा कोरोना रिपोर्ट न होने पर उत्तराखंड बॉर्डर पर रोका गया

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

मुजफ्फरनगर. देश मे एक बार फिर कोविड-19 (Covid 19) वैश्विक महामारी को लेकर खतरा बढ़ता जा रहा है, जिसकी काली छाया हरिद्वार में चल रहे कुंभ (Haridwar Kumbh) मेले पर पड़ती दिखाई दे रही है। उत्तराखंड में कोरोना की रोकथाम के लिए शासन ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड में प्रवेश करने के लिए श्रदालुओं को 72 घंटे पहले तक का कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। इस वजह से दूर-दराज से आने वाले श्रदालुओं को कोविड टेस्ट के लिए मुज़फ्फरनगर में पुरकाजी बॉर्डर पर रोका जा रहा है।

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मध्य प्रदेश से कई टूरिस्ट बस में सवार होकर आए सैंकड़ो श्रद्धालुओं का कई दिन पुराना कोविड टेस्ट हो जाने के कारण उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सभी श्रद्धालु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुरकाजी पहुंचे, लेकिन बताया गया कि पुरकाजी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक दिन में ज्यादा कोविड टेस्ट नहीं हो सकते हैं। इस वजह से आधी-अधूरी व्यवस्थाओं के बीच श्रद्धालुओं को पुरकाजी में दिन और रात गुजारने पड़ रहे हैं। इस पर न तो उत्तराखंड और न ही उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से श्रद्धालुओं रहने खाने और ठहरने की व्यवस्था कराई गई है। न ही समय पर कोविड टेस्ट की व्यवस्था कराई गई है।

दरसअल, श्रद्धालुओं के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे मध्य प्रदेश से 4 से 5 दिन का सफर कर उत्तराखंड बॉर्डर पर पहुंचे हैं और अब इन लोगों को उत्तराखंड में घुसने की अनुमति नहीं दी जा रही है। यात्रियों ने बताया कि वे अपना कोविड-19 टेस्ट कराकर चले थे, लेकिन उत्तराखंड पुलिस प्रशासन उनसे 72 घंटे की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट मांग रहा है। अब इतनी जल्दी कहां से टेस्ट कराकर लाएं। अब ये श्रद्धालु पुरकाजी में डेरा जमाए हैं, जिनमें महिलाएं, बूढ़े और बच्चे शामिल है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि उन्हें कुंभ मेले में स्नान करने की अनुमति प्रदान की जाए।
पुरकाजी पीएचसी प्रभारी डॉक्टर अरुण ने बताया कि पीएचसी पर कोरोना टेस्ट के लिए लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं।

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