बता दें कि यह पूरा मामला जनपद शामली के सदर कोतवाली क्षेत्र का है जहां खुफिया विभाग को जानकारी मिली थी कि शहर की कुरान मस्जिद के इमाम और जनरल सेक्रेटरी फर्जी रूप से अपनी मृत पत्नी का पासपोर्ट बनवाया है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने गोगवान निवासी अपनी पत्नी बुशरा के पासपोर्ट संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज वर्ष 2013-2023 तक तैयार कराए थे, लेकिन वर्ष 2015 में बुशरा की मौत हो गई थी। इसके बाद मौलवी ने अपनी मृत पत्नी बुशरा की बहन मुशरत से निकाह कर लिया, लेकिन उसके द्वारा नई पत्नी का नाम भी मृत पत्नी बुशरा के नाम पर ही रखते हुए पासपोर्ट, आधार कार्ड सहित कई और अन्य दस्तावेजों का दुरुपयोग करते हुए बड़ा फर्जीवाड़ा किया हैं।
पासपोर्ट से भी छेड़छाड़ इतना ही नहीं, आरोपी पर अपने पासपोर्ट से भी छेड़छाड़ का आरोप है। आरोप यह भी है कि मौलवी द्वारा पहला पासपोर्ट गुम होना दिखाकर नए पासपोर्ट में नाम बदलवा लिया गया है। फिलहाल पुलिस और एलआईयू यूनिट आरोपी मौलवी से पूछताछ में जुट गई है। उधर, इस बात की भी सुगबुगाहट बनी हुई है कि मौलवी मुस्लिम समाज के लोगों को उमरा कराने के लिए अरब भेजने वाले ऐसे गिरोह का सदस्य है, जिनके द्वारा पासपोर्ट में छेड़छाड़ कराई जाती है, लेकिन अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज सदर कोतवाली पुलिस ने पासपोर्ट फर्जी मामले में गिरफ्तार मौलाना अयूब के खिलाफ कोतवाली में तैनात दरोगा लविंग त्यागी की ओर से पासपोर्ट अधिनियम की धारा और सहित विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। खुफिया विभाग के अनुसार आरोपी मौलवी मौहम्मद अय्यूब ने खुद के भी पासपोर्ट में बड़ा फेरबदल करने का प्रयास भी किया है। थाना सदर कोतवाली प्रभारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि मोहमम्द आयुब नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया है। पासपोर्ट में एक ही नाम के दो दस्तावेज उपयोग किए गए हैं। जिससे मामला फर्जीवाडे का प्रतीत होता है। युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
फर्जीवाड़े में नपे थे थानाध्यक्ष गौरतलब है कि कुछ साल पहले थाना भवन में किराए पर रहने वाला यासीन नाम का एक बांग्लादेशी भी देश की नागरिकता और पासपोर्ट संबंधित दस्तावेज तैयार कराने के बाद फरार हो गया था। इसके बाद हाल ही में थानाभवन में मुंबई का एक शख्स भी पासपोर्ट फर्जीवाड़े में पकड़ा गया था। इस मामले में एसपी दिनेश कुमार सिंह ने प्रभावी जांच पड़ताल बैठाई थी, जिसमें थानाध्यक्ष थानाभवन और थाने के मुंशी को फर्जीवाड़े का दोषी मानते हुए उनपर सख्त कार्रवाई की गई थी। इसके बाद अब शामली में फिर से पासपोर्ट फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है।