
कैराना उपचुनाव: जाट आरक्षण समिति ने कहा- भाजपा की हार के बाद योगी जी को सपने में भी जाट दिखाई देंगे
शामली. कैराना लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को हराने के लिए अखिल भारतीय जाट आरक्षण समिति ने भी मोर्चा खोल दिया है। समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि भाजपा लगातार जाटों को आरक्षण देने के नाम पर बहला रही है। अब कैराना में मौका है कि भाजपा को जाट ताकत का एहसास कराएं। यशपाल मलिक ने बताया कि जून में वह दिल्ली में एक बड़ी जाटों की पंचायत में आरक्षण की लड़ाई को धार देंगे और सरकार पर जाटों को आरक्षण देने का दबाव बनाएंगे। यही नहीं यशपाल मलिक ने तो दावा किया है कि जाट समाज लगभग 100 से ज्यादा लोकसभा की सीटों पर प्रभाव डालता है, अगर जाटों को आरक्षण नहीं मिला तो भाजपा को 2019 के लोकसभा सीटों पर हराने का काम करेंगे। मलिक ने दावा किया कि कैराना चुनाव हारने के बाद भाजपाइयों को सपने में भी जाट दिखाई देंगे।
दरअसल, 28 मई को कैराना में लोकसभा का उपचुनाव होना है और इस चुनाव में अनेक प्रकार के सामाजिक राजनीतिक संगठन बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। वैसे तो यहां लड़ाई सीधी-सीधी भाजपा की मृगांका सिंह और महागठबंधन की राष्ट्रीय लोकदल प्रत्याशी तबस्सुम हसन के बीच है। लेकिन, दोनों की लड़ाई में कई सामाजिक व जातीय संगठन भी कूद पड़े हैं। इसी क्रम में जाट आरक्षण का मुद्दा बनाकर शामली में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने प्रेसवार्ता कर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला और जाट समाज से अपील की कि वह कैराना के उपचुनाव में भाजपा को हराने का काम करें। यशपाल मलिक ने कहा कि भाजपा ने 4 वर्षों से आरक्षण के नाम पर जाटों के साथ धोखा किया है और यह मौका है कि कैराना चुनाव में भाजपा को हराकर जाट अपनी ताकत का एहसास कराएं। देश की 100 से ज्यादा लोकसभा की सीटों पर जाट समाज चुनाव को प्रभावित करता है। 2019 के चुनाव से पहले उनकाे आरक्षण नहीं मिला तो उस चुनाव में भी भाजपा को हराने का काम करेंगे।
यशपाल मलिक ने बताया कि आज से 3 माह पहले भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी मुलाकात हुई थी। प्रदेश में जाट आरक्षण को लेकर चल रही कोर्ट में पैरवी पर भाजपा के द्वारा रवैया अपनाए जाने के मुद्दे पर मजबूत पक्ष लेने की बात पर सहमति हुई थी। लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार होती है तो योगी जी को सपने में भी जाट दिखाई देंगे। यशपाल मलिक ने बताया कि करीब 4 वर्ष पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देशभर के 26 जाट सांसदों मंत्रियों की मुलाकात हुई थी, जिसमें उन्होंने खुद मुलाकात करके जाट आरक्षण की पैरवी की थी और प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि जल्द ही वह आयोग बनाकर जाटों को आरक्षण देने का काम करेंगे। लेकिन, आरक्षण तो नहीं मिला जिस पिछड़े आयोग के द्वारा आरक्षण दिए जाने की बात हुई थी वह भी भंग कर दिया गया। यशपाल मलिक ने बताया कि जून महीने में दिल्ली में जाटों की एक बड़ी पंचायत करेंगे और आरक्षण की लड़ाई को धार देंगे।
Published on:
19 May 2018 09:16 am
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