संकट के साथी: जान जोखिम में डालकर घरों तक सामान पहुंचा रहे गली-मोहल्ले के दुकानदार
Highlights
– लाकडाउन के दौरान घर में कैद लोगों को जरूरी सामान पहुंचा रहे छोटे व्यापारी
– सामान की डिलीवरी के बाद पुलिसवाले करते हैं परेशान
– बोले- घर का सामान डिलीवरी करने वाले छोटे दुकानदारों के भी बनाएं पास
मुजफ्फरनगर. दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना की चेन तोड़ने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित कर रखा है। मुजफ्फरनगर में एक महिला व 4 जमाती कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद से जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं जनपद वासियों में भी कोरोना का भय बढ़ गया है, जिसके चलते लोग अब पूरी तरह घर में कैद हो गए हैं। इस कड़ी में गली-मोहल्लाें के कुछ दुकानदार लोगों के संकट के साथी बनने का काम कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान ये दुकानदार लोगों से घर से बाहर नहीं निकलने की अपील करते हुए खुद की जान जोखिम में डालकर उन तक जरूरत का सामान पहुंचा रहे हैं। हालांकि इन दुकानदारों को भी बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिन पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।
यह भी पढ़ें- Lockdown Side Effects: बॉर्डर क्षेत्र में रहने वाले डेढ़ दर्जन वन गुर्जरों के परिवार भुखमरी की कगार पर मेडिकल स्टोर संचालक अभिषेक मित्तल का कहना है कि होम डिलीवरी में हम लोगों को 6 बजे से 10 बजे तक के सीमित समय के कारण परेशानी आ रही है। अभिषेक कहते हैं कि मेडिकल एमरजेंसी एक ऐसी चीज है, जिसमें बीमारी किसी भी समय आ सकती है। उन्होंने बताया कि दोपहर के समय एक व्यक्ति का फोन आया कि और उसने अर्जेंट दवा लाने के लिए कहा। मैंने कहा कि दवाई की डिलीवरी के लिए समय निर्धारित है। इसलिए वह आने में असमर्थ हैं। अभिषेक कहते हैं कि उन्हें डिलीवरी सुबह से शाम तक करने दिया जाए, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो और वे घर से बाहर भी न निकलें। हम भी प्रशासन का पूरा सहयोग करते हुए लोगों से यही अपील कर रहे हैं कि वह कतई घर से बाहर न निकलें। जितना हम लोगों से बन सकता है, हम उससे ज्यादा भी करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उसके लिए हम लोगों को सुविधा मिलनी चाहिए। हम लोग जान जोखिम में डालकर यह काम कर रहे हैं।
थाना नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के जानसठ रोड स्थित जैन प्रॉविजन स्टोर के मालिक अजय जैन का कहना है कि हम दुकान सुबह 6 से 9 बजे तक खोलते हैं। 9 बजे के बाद हम होम डिलीवरी करते हैं। उसके बाद जो भी व्यक्ति कॉल करता है या व्हाट्सएप पर मैसेज कर समान मंगाता है तो हम उसके घर सामान देने जाते हैं। उनका कहना है कि जब हम सामन घर-घर पहुंचाते हैं तो पुलिस वाले रोकते हैं। तब तो हमारे पास समान होता है हम बोल देते हैं कि समान देने जा रहे है, लेकिन जब हम खाली हाथ वापस आते हैं तब पुलिसवाले परेशान करते हैं। इसलिए अगर हमारा पास बन जाए तो कुछ राहत मिले। हम मुजफ्फरनगर से द्वारिकापुरी तक सामान देने जाते हैं।
समानसेवी विक्की चावला का कहना है कि आजकल घरों में खाना नहीं मिल रहा है। कुछ लोग घर में भूखे-प्यासे हैं उनकी मदद हमारी ऑल इंडिया एंटी करप्शन टीम कर रही है। टीम के सदस्य अपनी जान जोखिम में डालकर तन-मन-धन से गरीब लोगों की मदद कर रहे हैं। हमारी टीम रोजाना ज्यादा से ज्यादा गरीब लोगों को खाना मुहैया कराती है। इसके अलावा सुबह-शाम जरुरतमंदों के लिए चाय और बिस्किट का भी इंतजाम करते हैं।