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मिसाल: हिंदू संगठन करते हैं केवल बातें लेकिन ये बच्‍चे करते हैं गायों की असली सेवा, वीडियो देखकर आप भी करेंगे तारीफ

मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना कस्बे के होली चौक स्थित घास मंडी में रहते हैं करीब चार दर्जन आवारा गाय व बछड़े

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मिसाल: हिंदू संगठन करते हैं केवल बातें लेकिन ये बच्‍चे करते हैं गायों की असली सेवा, वीडियो देखकर आप भी करेंगे तारीफ

मुजफ्फरनगर। तमाम हिन्दू संगठन गोरक्षा का दम भरते हैं, लेकिन सड़क पर घूमने वाली गौमाता व उनके बछड़ों की देखभाल के लिए कोई भी संगठन आगे नहीं आता है। इसको देखकर बुढ़ाना के कक्षा 11वीं व 12वीं के छात्र और छात्राओं ने गौमाता की सेवा करने का बीड़ा उठाया है। ये छात्र और छात्राएं बेसहारा गायों और बछड़ों को घास खिलाते हैं। बीमार बछड़ों की मरहम-पट्टी भी अपने हाथों से करते हैं। इतना ही नहीं वे उन्हें रोड से हटाकर सुरक्षित स्थान पर छोड़ते हैं। बच्‍चों के इस कार्य की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है।

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जेब खर्च से चला रहे हैं अभियान

बुढ़ाना कस्बे के होली चौक स्थित घास मंडी में करीब चार दर्जन आवारा गाय व बछड़े रहते हैं। यहां आवारा पशु रोज भूख से तड़पते रहते हैं। यहां से गुजरने वाले हजारों लोगों को इन आवारा पशुओं पर दया नहीं आती। हिंदू संगठन भी गोरक्षा के नाम पर बड़े-बड़े दावे करते है लेकिन कोई भी इनकी सेवा के लिए आगे नहीं अता है। यह देखकर नमन जैन क्लासेज के 11वीं 12वीं क्लास के छात्र-छात्राओं ने अपने जेब खर्च से एक अभियान चलाया। इसके तहत सभी छात्र-छात्राओं ने समय निकालकर इन गौमाता व बछड़ों की सेवा करने का बीड़ा उठाया। इसके लिए उन्‍होंने एक ग्रुप भी बनाया है, जिसका नाम उन्‍होंने हेल्‍पर्स विदाउट बॉडर्स रखा है। इस ग्रुप में करीब 50 सदस्‍य हैं।

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कोचिंग के बाद करते हैं सेवा

कोचिंग के बाद ये बच्‍चे बेसहारा पशुओं का सहारा बनते हैं। ये घायल पशुओं को अपने हाथों से इलाज देते हैं। उनके घाव पर पट्टी बांधते हैं। ये आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उनकी देखभाल करते हैं। स्कूल में पढ़ने वाले इन बच्‍चों की अनोखी पहल को देख कर स्थानीय लोग इनकी प्रशंसा भी कर रहे हैं। ग्रुप की सदस्‍य आंचल संगल का कहना है कि वे गायों के बछड़ों को असहाय हालत में देखते थे। उनका सहारा बनने के लिए ही वह समय निकालकर इनकी सेवा करते हैं। सर्दी के मौसम में वे इन्‍हें गुड़ देते हैं। इस काम में अब उनकी कई लोग मदद करते हैं।

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यूट्यूब पर चलाते हैं चैनल भी

वहीं, नमन जैन का कहना है क‍ि इस धरती पर इन पशुओं के लिए भी जगह है। वे इनका पूरा ख्‍याल रखते हैं। इसके लिए वह यूट्यूब पर एक चैनल भी चलाते हैं। उन्‍होंने बाकी लोगों से भी इस नेक काम में जुड़ने की सलाह भी दी है। वहां के निवासी रोहित कुमार ने कहा कि करीब 25 बच्‍चे इन गायों की सेवा करते हैं। ये बच्‍चे बहुत अच्‍छा काम कर रहे हैं। जनपद के और लोगों को भी इस काम में इनका सहयोग करना चाहिए।