
अपहरण के आरोप में पुलिस ने 4 लोगों को भेजा जेल, 12 दिन बाद लौटे गायब शख्स ने बताई यह सच्चाई
मुजफ्फरनगर. पुलिस की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है। मुजफ्फरपुर पुलिस ने कथित अपहरण के एक मामले में 4 निर्दोषों को जेल भेज दिया, जबकि कथित अपहृत व्यक्ति 12 दिन बाद सकुशल अपने घर वापस लौट आया। अपहृत व्यक्ति के वापस आने के बाद बेवजह जेल भेजे गए लोगों के परिजनों में रोष व्याप्त हो गया है। गुस्साए ग्रामीणों ने मीरापुर थाने में पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए। ग्रामीणों का आरोप है कि जिस व्यक्ति के अपहरण के आरोप में उनके निर्दोष लोगों को पुलिस ने जेल भेजा है, उन्हें जेल से वापस लाया जाए।
मामला जनपद मुजफ्फरनगर के थाना मीरापुर क्षेत्र के गांव भुम्मा का है। यहां गांव निवासी रियासत पुत्र मंगता नाम का व्यक्ति 10 अक्तूबर को संदिग्ध हालात में घर से लापता हो गया था। इसके बाद लापता व्यक्ति के भाई हसरत ने थाना मीरापुर में अपने भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी और उसके बाद गांव के ही चार लोगों पर अपने भाई के अपहरण का आरोप लगा दिया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग शुरू कर दी। पुलिस ने लापता युवक की तलाश शुरू की, मगर पुलिस को उसका कोई सुराग नहीं लग सका। इसी दौरान लापता व्यक्ति का मोबाइल पाल्ले नामक शख्स से बरामद हो गया, जिससे पुलिस का शक नामजद लोगों पर गहरा गया और पुलिस ने नामजद 4 आरोपियों को रियासत के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
मगर 12 दिन बाद कथित रूप से अपहृत व्यक्ति रियासत जब सकुशल गांव में वापस आ गया तो ग्रामीण और पुलिस हैरान हो गई। कथित अपहृत व्यक्ति के वापस लौटने के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि वह मजदूरी करने के लिए मवाना चला गया था और अपना मोबाइल 3500 रुपये में पाल्ले को बेच गया था। मामले में बैकफुट पर आई पुलिस ने लापता हुए व्यक्ति को कोर्ट में पेश कर उसके बयान दर्ज कराकर गिरफ्तार लोगों की रिहाई की प्रक्रिया तेज कर दी है। लेकिन पीड़ितों के परिवार और समाज में इस मामले को लेकर भारी रोष को देखते हुए गांव में भारी फोर्स तैनात किया गया है।
Published on:
23 Oct 2018 04:06 pm
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