केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने बताया कि दो दिन पूर्व सीएम योगी आदित्यनाथ ने रैपिड रेल प्रोजेक्ट को मुजफ्फरनगर तक बढाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाते हुए केंद्र को भेजने पर सहमति जता दी है। प्रोजेक्ट में लागत की 15 प्रतिशत धनराशि प्रदेश सरकार और शेष 85 प्रतिशत धनराशि केंद्र सरकार वहन करेगी। वे इस मामले को 2018 में लोकसभा में भी उठा चुके हैं। केन्द्रीय मंत्री का कहना है कि वर्तमान में एनसीआर में रैपिड रेल के तीन प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है। इनमें दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट मात्र 82 किमी का है। दिल्ली-अलवर प्रोजेक्ट 180 किमी और दिल्ली-पानीपत (अब करनाल) 111 किमी का है। ऐसे में दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट को भी मुजफ्फरनगर तक बढ़ाया जा सकता है।
प्रोजेक्ट की 40 किलोमीटर की दूरी बढ़ेगी केन्द्रीय मंत्री द्वारा दिए दए प्रस्ताव के मुताबिक़ मुजफ्फरनगर तक रैपिड रेल का विस्तार अगर होता है तो दिल्ली-मेरठ प्रोजेक्ट के बीच की जो 82 किमी दूरी है, वह 40 किमी और बढ़ जाएगी। जिसके बाद इस प्रोजेक्ट की कुल दूरी 122 किमी हो जाएगी।
कम हो जाएगा ट्रैफिक केंद्र सरकार द्वारा इस प्रस्ताव को अगर मंजूरी दे दी जाती है तो इससे दिल्ली से मुजफ्फरनगर के बीच ट्रैफिक का लोड काफी घट जाएगा। इसके साथ ही लोग अधिकतम डेढ़ घंटे में दिल्ली से वाया मेरठ मुजफ्फरनगर आ जा सकेंगे। जिससे लोगों का सफर करना आसान हो जाएगा। वहीं जानकारों का कहना है कि प्रोजेक्ट के चलते मेरठ और मुजफ्फरनगर का विकास भी तेजी से होगा।
ये होगा लाभ -मुजफ्फरनगर से दिल्ली तक का सफर मात्र 100 मिनट से भी कम समय में -सड़क मार्ग पर वाहनों में कमी के कारण प्रदूषण से मिलेगी निजात -आरआरटीएस की प्रत्येक गाड़ी में बिजनेस क्लास भी होगी। जिसके चलते लोग गाड़ी छोड़कर सफर करें
-ट्रेनों की न्यूनतम गति 100 किमी और अधिकतम गति 180 किमी प्रति घंटा होगी – सामान्य रेल में सफर के मुकाबले आरआरटीएस ट्रेन का सफर काफी आरामदायक व सुगम होगा