
मुजफ्फरनगर। जनपद में तीर्थ स्थल के नाम से मशहूर शुक्रताल के एक आश्रम से चाइल्डलाइन वेल्फेयर ने दस बच्चों के मुक्त कराया। यहां इन बच्चों से शिक्षा देने के नाम पर मजदूरी कराई जा रही थी। इतना ही नहीं, मेडिकल रिपोर्ट में चार बच्चों के साथ यौन शोशण की बात सामने आई है। वहीं अब बच्चों ने अपने बयान में कथित संत बाबा भक्ति भूषण गोविंद महाराज और उसके साथी मोहन दास के घिनौने राज खोले हैं। दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
कोरोना के नाम पर पिलाता था शराब
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आश्रम में रहने वाले मिजोरम के 10 वर्षीय बच्चे ने चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को अपने बयान में बताया कि महाराज भक्ति भूषण गोविंद उन्हें कोरोना की दवा कहकर शराब पिलाता था और फिर कपड़े उतारकर लेट जाता। फिर बच्चों को गंदी फिल्में दिखाता और गंदी चीजें करता। वहीं त्रिपुरा के रहने वाले 13 साल के एक लड़के ने बताया कि आश्रम का कुक अक्टूबर 2017 में उसे यहां लाया था। यहां वह गुलामों की तरह रहता था। उससे हर रोज महाराज की मसाज करने और शराब व बीड़ी लाने के लिए कहा जाता था। महाराज उसके साथ गंदा काम करता था।
मना करने पर होती थी पिटाई
त्रिपुरा के ही एक 18 वर्ष लड़के ने बताया कि अगर कोई भी बच्चा महाराज द्वारा कही गई किसी भी काम से मना करता तो उसकी पिटाई होती थी। उधर, बच्चों के मां-बाप जो खर्च भेजते थे उस पैसे को भी वही रख लेते थे और उसे आश्रम में 'रहने का खर्च' बताया जाता था।कहकर पूरी तरह ले लिया जाता था।
मेरठ का रहने वाला है ढोंगी
मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि बच्चे जिसे 'महाराज' बता रहे हैं, वह कथित संत बाबा भक्ति भूषण गोविंद महाराज है, जो कि अपने साथी मोहन दास के साथ मिलकर आश्रम चलाता है। दोनों को POCSO ऐक्ट (प्रिवेंशन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) और दुष्कर्म के लिए आईपीसी की धारा के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। आश्रम जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट के तहत रजिस्टर्ड भी नहीं है। महाराज सिसौली गांव (मेरठ से 65 किलोमीटर दूर) का रहने वाला है। उसने 12 साल पहले आश्रम की स्थापना की थी।' उसका पिछला कोई आपराधिक रेकॉर्ड नहीं है।
Updated on:
12 Jul 2020 01:44 pm
Published on:
12 Jul 2020 01:41 pm
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