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योगी की पुलिस को बड़ा झटका, फर्जी मुठभेड़ करने वालों को चुकानी पड़ेगी अब ये बड़ी कीमत

इस फैसले के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

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मुजफ्फरनगर। साल 2007 में थाना रतनपुरी क्षेत्र में हुए अमजद एनकाउंटर मामले को मानव अधिकार आयोग ने फर्जी एनकाउंटर करार दिया। साथ ही मानव अधिकार आयोग ने अमजद के परिजनों को 5 लाख रूपये की सहायता दिए जाने का आदेश दिया।

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यही नहीं ये 5 लाख की धनराशि एनकाउंटर मामले में दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों से वसूल किए जाने के भी आदेश दिए। इसके साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई को भी कहा है। शासन के आदेश के अनुसार एसएसपी ने सोमवार को मृतक अमजद की मां अख्तरी को 5 लाख का चेक भी सौंपा। मानव अधिकार आयोग द्वारा की गई मुठभेड़ मामले में इस कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।

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दरअसल थाना रतनपुरी भौरा कलां पुलिस द्वारा 3 फरवरी 2007 को थाना रतनपुरी क्षेत्र के रामपुर चौराहे पर जनपद हरिद्वार के मंगलोर थाना क्षेत्र के बिजौली निवासी युवक अमजद पुत्र खालिद को मुठभेड़ में मारा था, जिसमें अमजद के परिजनों द्वारा मानवाधिकार आयोग से लेकर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री तक शिकायत की थी। शिकायत के बाद मामले को मानव अधिकार आयोग ने गंभीर मानते हुए जांच शुरू की थी पुलिस का आरोप था कि अमजद भौरा कलां थाना क्षेत्र से बाइक लूट कर भाग रहा था, जिसके बाद मुठभेड़ में मारा गया। मृतक अमजद की मां अख्तरी ने मामले में 13 पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया था।

मृतक के परिजनों को मिली 5 लाख की सहायता
मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के बाद उत्तर प्रदेश शासन की अनुसंशा पर पद्माकर शुक्ला अपर पुलिस महानिदेशक को 6 फरवरी 2018 को पत्र लिखकर मृतक के परिजनों को 5 लाख की रुपये की अंतरिम सहायता दिए जाने का आदेश पारित किया था। इसके अलावा पीड़ित परिवार को सहायता के तौर पर दिए गए 5 लाख रूपये की वसूली करने का भी आदेश दिया था।

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दोषी पुलिसकर्मियों में तत्कालीन एंटी एक्सटॉर्शन सेल के प्रभारी इकबाल जमा खान, हेड कांस्टेबल मीर हसन, कांस्टेबल अशोक कुमार तत्कालीन थाना अध्यक्ष रतनपुरी डॉक्टर प्रवीण कुमार, कांस्टेबल मैयादीन, कांस्टेबल बृजपाल, कांस्टेबल सोहनवीर, चालक जसवीर, तत्कालीन SP भौरा कला सुधीर धामा, एचसीपी अमीर सिंह को आरोपी बनाया गया था। जबकि उप निरीक्षक प्रवीण कुमार की मृत्यु हो चुकी है। इन दोषियों में से कई लोग सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं और कांस्टेबल अमीर हसन इन दिनों उप निरीक्षक के पद पर सहारनपुर में तैनात है।

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सन् 2007 में मामले में पीड़ित पक्ष के वकील काजी मोहम्मद नईम ने बताया कि हमारे क्लाइंट अख्तरी इनका बेटा अमजद वह अपने घर पर था। ग्राम बिजौली थाना मंगलोर और पुलिस रात को इनके घर जाकर जबरदस्ती उठा लाई। फिर उसको 2 दिन थाना रतनपुरी में तत्कालीन थाना प्रवीण कुमार और अमीर हसन और इनके साथ 5 पुलिसवाले और थे। अशोक भौरा कलां इन सब ने मिलकर के 2 दिन बाद उसको मुठभेड़ में मार गिराया।