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मेड़ता सिटी . केंद्र सरकार (Central Budget) ने इस बार जो रेल बजट (Rail Budget) पेश किया, उसमें उत्तर-पश्चिम रेलवे (North-West Railway) को नई रेल परियोजनाओं के लिए 170 करोड़ रुपए का बजट दिया है, जबकि पिछले साल बजट में नई रेल परियोजनाओं को 316 करोड़ रुपए दिए गए थे। यानी इस बार रेल परियोजनाओं के लिए पिछले साल के मुकाबले 46 प्रतिशत कम बजट मिला है।
उत्तर-पश्चिम रेलवे की 9 रेल लाइन परियोजनाओं को इस बार के बजट में 170 करोड़ रुपए ही मिले हैं। इनमें नागौर जिले के गुढ़ा-ठठाणा मीठड़ी ट्रैक निर्माण के लिए पचास करोड़ रुपए बजट में स्वीकृत हुए हैं। बंगुरग्राम-रास नई रेललाइन परियोजना के लिए 6 करोड़ रुपए मिले हैं। साल 1996-97 में स्वीकृत दौसा-गंगापुर सिटी 92.67 किमी रेललाइन परियोजना का कार्य 25 साल के बाद अब पूरा होने की संभावना है। बजट में इस परियोजना को सर्वाधिक 114 करोड़ रुपए मिले हैं। इस परियोजना का 88 प्रतिशत काम हो चुका है। जबकि इनमें से 6 रेल परियोजनाएं तो ऐसी है, जिन्हें सिर्फ 1-1 हजार रुपए मिले हैं। उल्लेखनीय है कि उत्तर-पश्चिम रेलवे को इस बजट में कुल 6724 करोड़ रुपए मिले हैं मगर इनमें से रेल लाइन परियोजनाओं को सिर्फ 170 करोड़ रुपए ही मिले हैं।
इन 6 परियोजनाओं को मिले सिर्फ एक-एक हजार रुपए
मेड़ता-पुष्कर 59 किमी नई रेल लाइन को बजट में सिर्फ एक हजार रुपए मिले हैं। इसी तरह डूंगरपुर-रतलाम वाया बांसवाड़ा 188.30 किमी रेललाइन परियोजना, अजमेर (नसीराबाद)- सवाईमाधोपुर (चौथ का बरवाड़ा) वाया टोंक, अजमेर (नसीराबाद)- सवाईमाधोपुर (चौथ का बरवाड़ा) वाया टोंक, अजमेर-कोटा (नसीराबाद- जालिंद्री) 145 किमी रेल लाइन परियोजना, तरंगा हिल-आबू रोड वाया अंबाजी 89.38 किमी नई रेललाइन परियोजना को 1-1 हजार रुपए मिले हैं। इसी तरह डेडीकेटेड ट्रैक आरडीएसओ फेज 2 को भी बजट में एक हजार रुपए मिले हैं।
सबसे ज्यादा बजट उत्तर रेलवे को मिला
नई रेल लाइन परियोजनाओं में सबसे ज्यादा बजट उत्तर रेलवे को मिला है। उसे 13282 करोड़ रुपए मिले हैं। उत्तर रेलवे को पिछले वर्ष भी 9860 करोड़ रुपए मिले थे। इस वर्ष पूर्वोत्तर सीमा रेलवे को 6234 करोड़, ईस्ट सेंट्रल रेलवे को 1328 करोड़, पश्चिम मध्य रेलवे को 1200 करोड़ रुपए मिले हैं।
मेड़ता-पुष्कर रेल लाइन की भी एक बार फिर अनदेखी
राज्य सरकार की ओर से निशुल्क भूमि परियोजना में बराबर की साझेदारी से इनकार के बाद उत्तर-पश्चिम रेलवे में चल रही नई रेल लाइन परियोजनाओं का भविष्य अंधकार में है। इसी वजह से तीर्थ नगरी पुष्कर का मीरा नगरी मेड़ता से जुड़ाव नहीं हो पाया है। नतीजतन इस इलाके की अच्छी-खासी आबादी रेल नेटवर्क से दूर है।
बजट में हुई अनदेखी
‘उत्तर-पश्चिम रेलवे की 6 रेल लाइन परियोजनाओं को 1-1 हजार रुपए का बजट देकर केंद्र सरकार ने एक बड़ी आबादी को रेल नेटवर्क से वंचित रखा है। मेड़ता-पुष्कर रेल लाइन परियोजना को लेकर एक बार फिर निराशा ही मिली है। बजट में पूरे क्षेत्र के साथ अनदेखी की गई है।
- दीनदयाल बंग, आरटीआई कार्यकर्ता
Updated on:
04 Feb 2022 10:34 pm
Published on:
04 Feb 2022 10:10 pm
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