19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हथियार लाइसेंस के लिए दो वर्षों में 66 आवेदन, एक को भी नहीं मिला

खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल के प्रश्न पर सरकार ने विधानसभा में दी जानकारी

2 min read
Google source verification
arms license demo pic

arms license demo pic

नागौर. नागौर जिले में पिछले दो साल में आत्मरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस के लिए कुल 66 आवेदन किए गए, लेकिन जिला कलक्टर ने किसी भी आवेदक को लाइसेंस जारी नहीं किया। यह जानकारी राज्य सरकार ने विधानसभा में खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल की ओर से लगाए गए सवाल के जवाब में दी है।

विधानसभा में खींवसर विधायक बेनीवाल ने प्रश्न लगाकर पूछा कि नागौर जिले में गत दो वर्षों में आत्म रक्षा के लिए हथियार लाइसेंस के लिए कितने आवेदन प्राप्त हुए और कितनों को लाइसेंस जारी किए गए। इस पर सरकार ने बताया कि नागौर जिले में गत दो वर्षों में कुल 66 आवेदन आत्म रक्षा के लिए हथियार लाइसेंस के लिए प्राप्त हुए हैं, जिनमें से किसी भी आवेदक को लाइसेंस जारी नहीं किया गया। एक आवेदन निरस्त किया गया है तथा 46 आवेदन पुलिस अधीक्षक, सीआईडी, तहसीलदार तथा वन विभाग से रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने तथा 19 आवेदन जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय स्तर पर प्रकियाधीन होने के कारण विचाराधीन हैं। साथ ही बताया कि हथियार लाइसेंस आयुध अधिनियम 1959 की धारा 13 व आयुध नियम 2016 के नियम 12 के तहत जारी किया जाता है।

दो-दो साल तक रिपोर्ट नहीं, क्या कार्रवाई होगी
विधायक ने पूरक प्रश्न करते हुए पूछा कि नागौर जिले में हथियारों के लाइसेंस की पेंडेसी रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने के जो कारण बताए है, उसको लेकर पूछना चाहता हूं कि क्या तहसीलदार, पुलिस, सीआईडी या अन्य विभागों की जो रिपोर्ट है, उसके लिए कोई निश्चित समय सीमा है। यदि है तो फिर रिपोर्ट समय पर नहीं भेजने वाले अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई होगी और ऐसे मामलों में अधिकारियों की जिम्मेदारी कब तक होगी। जिसका जवाब देते हुए मंत्री ने बताया कि तहसीलदार, पुलिस, सीआईडी या अन्य विभागों की रिपोर्ट प्राप्ति की समय सीमा 30 दिन है। 30 दिन की अवधि में रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद जिला कलक्टर या तो आवेदन निरस्त करता है या आवेदन ले लेता है।