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Rajasthan: खेत में छुपाया था 2.16 करोड़ का नशीला पदार्थ, AGTF ने दी सूचना; नागौर पुलिस ने तस्कर को दबौचा

Rajasthan News: राजस्थान में मादक पदार्थों के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत पुलिस ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है।

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smuggler arrested in Nagaur

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी, फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan News: राजस्थान में मादक पदार्थों के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत पुलिस ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है। एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) की सूचना पर नागौर जिले की पांचौड़ी पुलिस ने एक खेत में छापा मार 1441 किलोग्राम अवैध डोडा पोस्त जब्त किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 2 करोड़ 16 लाख रुपए बताई जा रही है।

खेत में छुपाया था डोडा-पोस्त का जखीरा

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स एवं अपराध दिनेश एम.एन. के निर्देश पर इनामी अपराधियों, गैंगस्टर, संगठित गिरोहों इत्यादि के बारे में आसूचना संकलन कर धर पकड़ के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया था। जिसका सुपरविजन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा और नेतृत्व पुलिस निरीक्षक रामसिंह नाथावत कर रहे थे।

इसी दौरान टीम के हेड कांस्टेबल महावीर सिंह को गुप्त सूचना मिली कि भेड़ गांव का श्रवणराम विश्नोई (40) अपने खेत में अवैध डोडा पोस्त छिपाए बैठा है। सूचना की पुष्टि होते ही स्थानीय थाना पांचौड़ी टीम को अवगत कराया गया। टीम ने आरोपी श्रवणराम के खेत पर छापा मारा। पुलिस ने वहां से 50 कट्टों में भरा 1441 किलो डोडा पोस्त बरामद किया और मौके से ही आरोपी श्रवण राम को गिरफ्तार कर लिया।

जोधपुर तक फैले हैं तस्करी के तार

पूछताछ में श्रवणराम ने बताया कि उसने बताया कि यह डोडा पोस्त उसे तीन दिन पहले जोधपुर जिले के थाना करवड़ अंतर्गत भवाद निवासी दिनेश बिश्नोई ने पिकअप से सप्लाई किया था। वह इसे टांकला गांव के अखा राम जाट को डिलीवर करने वाला था। पुलिस अब इस तस्करी नेटवर्क से जुड़े दिनेश और अखाराम सहित अन्य सभी लोगों की तलाश में जुट गई है।

इस सफल कार्रवाई में पुलिस निरीक्षक रामसिंह नाथावत, उप निरीक्षक प्रताप सिंह, हेड कांस्टेबल महेश सोमरा, महावीर सिंह, हेमन्त शर्मा, सन्नी जांगिड, मोहन भूरिया, कांस्टेबल देवेन्द्र सिंह, गंगाराम, जितेन्द्र, गोपाल धाबाई, विजय सिंह, और चालक दिनेश शर्मा शामिल थे। इस ऑपरेशन की सफलता में हेड कांस्टेबल महावीर सिंह की विशेष भूमिका और कांस्टेबल जितेंद्र व सत्येंद्र शर्मा का तकनीकी सहयोग सराहनीय रहा।