
मकराना. माइनिंग प्लॉन निरीक्षण के दौरान बुधवार को संगरमरमर खान विकास समिति पदाधिकारियों की बैठक लेते वरिष्ठ भू वैज्ञानिक अजमेर नाथावत एवं खनिज अभियंता पंवार।
मकराना. क्षेत्र की चक डूंगरी रेंज की बंद मार्बल खदानों को पुन: शुरू करने को लेकर अनुमोदन प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। मार्बल खदानों में खनन कार्य करने के तहत पर्यावरणीय स्वीकृति (ईसी) की अनिवार्यता है जिसको लेकर माइनिंग प्लॉन बना विभाग अजमेर स्थित कार्यालय में जमा करवाना होता है। विभाग को माइनिंग प्लॉन मिलने के पश्चात खदानों का निरीक्षण किया जाता है। इसी कड़ी में बुधवार की सुबह वरिष्ठ भू वैज्ञानिक अजमेर एच.एस.नाथावत एवं खनिज अभियंता धीरज पंवार ने संयुक्त रूप से चकडंूगरी रेंज की बंद मार्बल खदानों का निरीक्षण किया। इस दौरान संगरमरमर खान विकास समिति अध्यक्ष मोहम्मद अली सिसोदिया, नगरपरिषद पूर्व सभापति अब्दुल सलाम भाटी, मुख्तयार अहमद गौड़, आर.क्यू.पी. संजय मनवानी सहित कई खदानधारी उपस्थित थे। निरीक्षण की कार्रवाई पूर्ण होन के पश्चात माइनिंग प्लॉन के अनुमोदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है जिसके पूर्ण होने पर ईसी जारी होने पर बंद चकडूंगरी रेंज की मार्बल खदानों में एक बार फिर से खनन कार्य शुरू हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि गत 6 वर्षो से अधिक समय से बंद इन चकडूंगरी रेंज की मार्बल खदानों में सर्वोच्च न्यायालय ने 6 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा खनन कार्य फिर से शुरू करने को लेकर गत माह ही आदेश दिए है।
निरीक्षण के दौरान समिति अध्यक्ष सिसोदिया ने बताया कि खदानों में सुरक्षित खनन हो एवं खनन कार्य के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके इसके तहत खदानों के सामने स्थित हैंगिंग वॉल की रिक्त पड़ी भूमि चाहे सरकारी हो या खाताधारी जमीन उसे खदानधारियों को अलॉट की जाए।
इसी तरह खनिज अभियंता पंवार ने बताया कि क्षेत्र की खदानों में सुरक्षित खनन को लेकर गत मंगलवार को खनिज निदेशक डी.एस.मारू, निदेशक माइंस सेफ्टी अरविंद कुमार, डिप्टी डायरेक्टर ए.के.मिश्रा, एसएमई महेश माथूर, अधीक्षण भू वैज्ञानिक धर्मदत्त शर्मा सहित अजमेर, नागौर एवं मकराना खनिज अभियंता सहित मकराना क्षेत्र के खदानधारियों की बैठक अजमेर में आयोजित हुई थी जिसमें क्षेत्र की खदानों में सुरक्षित खनन एवं खनन कार्य के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने को लेकर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान क्षेत्र के आईटीआई में वोकेशनल टे्रनिंग सेंटर (वीटीसी) कोर्स को शामिल किए जाने को लेकर भी चर्चा हुई ताकि यहां अध्ययन के पश्चात युवाओं को एक ओर जहां माईंस मैनेजर इत्यादि पद पर जॉब मिले वहीं दूसरी ओर सुरक्षित खनन को लेकर भी प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सके।

Published on:
17 Jan 2018 06:02 pm
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