
Clouds of crisis loom over Mundwa's cement factory.
नागौर. जिले के मारवाड़ मूण्डवा के पास स्थापित सीमेंट फैक्ट्री पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। सीमेंट कम्पनी ने वायु एवं जल अधिनियम के प्रावधानों का बार-बार उल्लंघन पर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कम्पनी को उद्योग बंद करने के निर्देश दे दिए हैं, जिसके चलते पिछले तीन दिन से फैक्ट्री में उत्पादन बंद है।
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सीमेंट सेल के एसीईई एवं जीआईसी-सीमेंट विष्णु दत्त पुरोहित ने 2 अक्टूबर को अम्बुजा सीमेंट लिमिटेड को नोटिस भेजकर उद्योग तुरंत बंद करने के निर्देश दिए हैं। पुरोहित ने बताया कि बोर्ड अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार उद्योग के अपशिष्ट/उत्सर्जन से पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा है, जिससे पर्यावरण, सार्वजनिक स्वास्थ्य और वनस्पतियों एवं जीवों पर गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में उद्योग को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
गौरतलब है कि इससे पहले जुलाई 2021 में कम्पनी ने उत्पादन शुरू करने से पहले ही रॉयल्टी की चोरी की थी, जो खान एवं भू विज्ञान विभाग निदेशालय उदयपुर की ओर से की गई जांच में सामने आई थी। इसके बाद निदेशालय ने कम्पनी पर 12 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया था।
क्यों बने फैक्ट्री बंद करने के हालात
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सीमेंट कम्पनी को दिए गए नोटिस में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जिसमें बताया गया है कि इस कार्यालय से सीमेंट प्लांट के लिए जल अधिनियम 1974 और वायु अधिनियम 1981 के तहत संचालन की सहमति 10 मार्च 2021 को दी गई, जो वायु अधिनियम और जल अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन के लिए विशिष्ट शर्तों के साथ 31 दिसम्बर 2025 तक वैध थी। पिछले महीनों में उद्योग के खिलाफ प्रदूषण को लेकर कई शिकायतें मिली। जिसके बाद नागौर आरओ ने 4 जून, 20 जुलाई व 30 सितम्बर को निरीक्षण कर रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी, जिसमें गंभीर अनियमितताएं पाई गई और इसी को लेकर बोर्ड ने अब उद्योग बंद करने के निर्देश दिए हैं।
निरीक्षण में ये मिली अनियमितताएं
बोर्ड के अधिकारियों की ओर से 6 अप्रेल 2023 को उद्योग का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान निम्न गैर-अनुपालन पाए गए -
- कुछ स्थानों पर क्लिंकर साइलो, सीमेंट साइलो और क्लिंकर के पैकेजिंग प्लांट के साथ धूल संग्रहण और निष्कर्षण प्रणालियां पर्याप्त नहीं थीं।
संयंत्र परिसर में फ़्यूजिटिव उत्सर्जन उत्सर्जन देखा गया, जिससे पता चलता है कि प्रदूषण नियंत्रण उपाय फ़्यूजिटिव उत्सर्जन को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
- उद्योग ने पूर्व सहमति के बिना अतिरिक्त मशीनरी स्थापित की है। इसके साथ बोर्ड की पूर्व सहमति के बिना 25 केएलडी एसटीपी प्लांट और एक आरओ प्लांट स्थापित किया है। इसके अलावा मौजूदा 15 केएलडी और 25 केएलडी एसटीपी गैर-परिचालन पाए गए।
- क्लिंकर को किसी भी तरह से ढंके बिना खुले क्षेत्र में भंडारित करना पाया गया।
पैरामीटर पार्टिकुलेट मैटर काफी अधिक
स्टैक वायु और परिवेशी वायु गुणवत्ता की निगरानी सीकर आरओ की ओर से 5 जुलाई 2023 को की गई थी, जिसकी विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार सीसीआर के पीछे प्लांट की सीमा के पास, पैकिंग प्लांट के पीछे प्लांट की सीमा के पास और खान कार्यालय के पास पैरामीटर पार्टिकुलेट मैटर निर्धारित मानदंडों से काफी अधिक पाए गए।
नागौर आरओ के निरीक्षण में पाई प्रावधानों की अवहेलना
मूण्डवा व आसपास के निवासियों से प्राप्त शिकायतों के सत्यापन के लिए गत 30 सितम्बर को नागौर आरओ ने उद्योग का फिर से निरीक्षण किया, जिसमें कई प्रावधानों की अवहेलना पाई गई। उद्योग भट्टी और कच्ची मिलों के ढेर के साथ उचित प्रदूषण नियंत्रण उपायों के बिना सीमेंट संयंत्र का संचालन कर रहा है। कोयला भण्डारण यार्ड अपर्याप्त पाया गया। अधिकांश मात्रा में कोयला खुला एवं अव्यवस्थित तरीके से भंडारित पाया गया। यूनिट ने चार पीटी जेड कैमरे स्थापित किए हैं, लेकिन वे आरएसपीसीबी सर्वर से नहीं जुड़े नहीं थे। आरओ के निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि 300 केएलडी एसटीपी के इनलेट पर फ्लो मीटर उपलब्ध नहीं था। एसटीपी के सभी आवश्यक स्थानों पर इनलेट और आउटलेट मीटर ठीक से काम नहीं कर रहे थे। इसलिए अपशिष्ट जल की मात्रा का उत्पादन और उपचार सुनिश्चित नहीं हो रहा था। इसको देखते हुए नागौर क्षेत्रीय अधिकारी ने उद्योग को प्रदूषण नियंत्रण उपायों के प्रतिस्थापन/सुधार तक अपना संचालन बंद करने का निर्देश दिया।
उद्योग बंद है
बोर्ड के उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार मूण्डवा का अम्बुजा सीमेंट उद्योग बंद है। कम्पनी को सुधार के लिए कहा है। अधिनियमों/नियमों के प्रावधानों का अनुपालन करने पर ही संचालन की अनुमति दी जा सकेगी।
- सविता, क्षेत्रीय अधिकारी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नागौर
Published on:
07 Oct 2023 11:59 am
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