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नागौर जिला कलक्टर के इन तीन बड़े निर्देशों पर अमल से बदल सकती है शहर की तस्वीर

राजस्थान के नागौर में कलक्टर कुमारपाल गौतम ने दिए लावारिस पशुओं से राहत दिलाने नंदी शाला खोलने के निर्देश।

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जिला कलक्टर गौतम ने दिए अधिकारियों को निर्देश,शहर से बाहर स्थानांतरित करवाएं तबेले
नागौर. जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि जिला मुख्यालय पर शीघ्र ही एक नंदीशाला शुरू की जाए। इसके लिए पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक भूमि का चयन कर सभी जरूरतों का आवश्यक तकमीना बनाकर जिला प्रशासन को अगले 30 कार्य दिवसों में उपलब्ध करवाएं। जिससे नंदीशाला बनाने का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जा सके। गौतम मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शहर में घूम रहे लावारिश पशु पकड़कर उन्हें गौशालाओं व कांजी हाउस में स्थानांतरित किया जाए।
लावारिस पशुओं को पकड़ा जाए
कलक्टर गौतम ने कहा कि नंदीशाला का निर्माण शीघ्र पूर्ण करने के लिए अभी से ही कार्रवाई शुरू कर दें, ताकि भविष्य में और अधिक स्थान की जरूरत होने पर लावारिश सांड तथा अन्य पशुओं को नंदीशाला में शिफ्ट किया जा सके। जिला कलक्टर ने नगर परिषद आयुक्त को निर्देश दिए कि एक अभियान चलाकर शहर में घूम रहे लावारिस पशुओं को पकड़ा जाए। आवश्यकता हो तो इसमें पशुपालन विभाग की मदद ली जाए। कोई पशु आसानी से पकड़ में नहीं आता है तो पशुपालन विभाग के माध्यम से उसे दवा आदि देकर पकड़ा जाए। उन्होंने नगर परिषद आयुक्त को सख्त हिदायत दी कि मुख्य मार्गों पर आवारा पशु नहीं घूमे।
मांस की दुकानों के लगे गेट
कलक्टर ने कहा कि शहर में मांस की दुकानों पर कांच के गेट लगाएं ताकि मांस के कारण आमजन को किसी तरह की असुविधा ना हो तथा दुकान में रखा बेचने योग्य मांस भी सुरक्षित रहे। आगामी 15 दिनों में दुकानदार द्वारा कांच या एल्युमीनियम का गेट नहीं बनाने पर उनके विरूद्व कार्रवाई करते हुए पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई जाए। गौतम ने निर्देश दिए कि शहर के बीचों बीच घरों में तबेले चला रहे लोगों से समझाइश कर शहर के बाहर मास्टर प्लान के मुताबिक भूमि बताकर तबेलों को वहां शिफ्ट करने के लिए प्रेरित करें ताकि आवारा पशुओं की आवाजाही शहर के मुख्य मार्गों में स्वत: ही कम हो जाए।
क्षमता से अधिक भार नहीं डालें
जिला कलक्टर ने कहा कि शहर के विभिन्न स्थानों पर पशुओं के वाहनों पर विभिन्न तरह के सामान डालकर भार ढोने का कार्य किया जाता है। ऐसे में पशुपालन विभाग तथा पशु कू्ररता समिति के सदस्य, पुलिस विभाग के अधिकारी मिलकर यह सुनिश्चित करें कि मानदंडों से अधिक क्षमता का वजन पशु वाहनों पर ना धोया जाए। क्षमता से अधिक कोई वाहन मालिक अधिक सामान लादकर चलाता है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। बैठक में उप वन संरक्षक वेदप्रकाश प्रकाश गुर्जर, पशु पालन विभाग के संयुक्त निदेशक महेश मीणा,समिति के सदस्यों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।