
Mundwa BCMO Dr Rajesh Bugasara
हनुमानराम ईनाणियां
मूण्डवा (नागौर). वैश्विक महामारी के बीच मूण्डवा बीसीएमओ डॉक्टर राजेश बुगासरा ने मूण्डवा तथा खींवसर ब्लॉक में आदर्श समन्वय स्थापित कर जिले को एक मॉडल दिया है। सामाजिक संक्रमण की चेन तोडऩे की व्यवस्था के तहत घर घर सर्वे के बाद बाहर से आने वाले लोगों को होम आइसोलेट किया। सामाजिक संक्रमण रोकने के लिए उनके स्वास्थ्य निगरानी एवं ऐसे लोगों को घर उपचार के लिए की व्यवस्था। प्रशासन की ओर से मूण्डवा मॉडल की सराहना करते हुए जिले के सभी बीसीएमओ को इसे अपनाने को कहा है।
इसलिए खास है
होम आइसोलेटड मरीज को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़े, इसकी व्यवस्था की है। सामाजिक संक्रमण रोकने के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। चौबीसों घंटे के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। मूण्डवा तथा खींवसर पंचायत समिति में 14 सेक्टर हैं, जिनमें 4 सीएचसी व 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं। जिनके लिए अलग-अलग तथा एक खण्ड स्तर पर त्वरित कार्रवाई दल बनाए गए हैं। प्रत्येक दल में डॉक्टर, कम्पांउडर, एक एएनएम या हेल्पर को सहायक रखा गया है। इन टीमों के बीच 11 एम्बुलेंस हैं, जिनके पास एन-95 मास्क, इमरजेंसी की औषधियां उपलब्ध हैं। पीपीई किट भी उपलब्ध करवाए गए हैं।
डोर-टू-डोर सर्वे
गत 19 मार्च से ही आशा और एएनएम के माध्यम से डोर टू डोर सर्वे शुरू किया गया, जिसके तहत विदेशों के अलावा अन्य प्रदेशों व जिलों से आने वालों को चिह्नित कर होम आइसोलेट किया।
स्वास्थ्य की निगरानी
नित्य स्वास्थ्य परीक्षण के लिए 12 आयुर्वेदिक चिकित्सकों के साथ 12 टीमें आइसोलेट्री टीम गठित की गई है, जो होम आइसोलेटेड 7 हजार 599 लोगों के स्वास्थ्य की व्यवस्था के अनुसार जांच की जाती है। खींवसर ब्लॉक में 4 हजार 955 तथा मूण्डवा में 2 हजार 644 लोग हैं। इनमें से यदि किसी को बुखार हो तो घर पर ईलाज की सुविधा की गई है। आवश्यक हो तो सेक्टर इंचार्ज को सूचना दी जाती है। जिस पर इंचार्ज अपनी रेपिड रेस्पॉन्स फोर्स टीम एम्बुलेंस लेकर घर पर जाकर जांच करते हैं तथा बीसीएमओ बुगासरा को रोगी की पूरी जानकारी देते हैं। आवश्यक उपचार की सलाह देते हैं। मरीज की हिस्ट्री से आवश्यक होने पर जेएलएन नागौर के आईसोलेन इंचार्ज डॉक्टर राजेन्द्र बेड़ा की सलाह ली जाती है। जो निर्देश मिलते हैं उनकी पालना होती है।
पॉजिटिव मरीजों को समय पर पकड़ा, इसलिए संक्रमण से बच गए
बीसीएमओ बुगासरा की कार्य योजना के तहत ही रूण में मिले दोनों पॉजिटिव को महाराष्ट्र से यहां आते ही सबसे पहले क्वांरटाइन सेंटर में रखा गया, इसके बाद उनकी जांच के लिए सैम्पल भेजे गए। समय पर क्वारंटाइन कर सैम्पल लेने के परिणामस्वरूप ही रूण में कोरोना का संक्रमण फैलने से बच गया। मूण्डवा व खींवसर दोनों ब्लॉक में 81 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें 497 लोगों को क्वारंटाइन किया गया। इनमें खींवसर ब्लॉक के 34 केंद्रों में 55 लोग तथा मूण्डवा ब्लॉक के 47 केन्द्रों में 442 लोग रखे गए।
Published on:
29 Apr 2020 12:14 pm
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